हल्द्वानी। गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादे और माता गुजरी के शहीदी गुर पर्व के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा श्री गुरु नानक पुरा में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इस मौके पर गुरु नानक सेवक जत्था, भाई प्रभु सिंह खालसा, भाई परमजीत सिंह तराना और नैब के दृष्टिहीन बच्चों ने गुरवाणी कीर्तन गायन किया।
रुद्रपुर से आये ज्ञानी सतनाम सिंह ने इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शहीदी और कुर्बानी की ऐसी मिसाल इतिहास में कोई दूसरी नहीं है। मानवता और धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह ने कई युद्ध लड़े जिसमे चमकौर के युद्ध मे दो साहिबजादे मात्र 17 वर्ष और 14 वर्ष की आयु में शहीद हुए।
पटियाला से आये भाई अमरजीत सिंह और साथियों ने ‘आपे खेल करे सब करता’ और ‘हुकमे अंदर सबको बाहर हुकम न कोये’ शबदों का गायन कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम के दौरान गुरु का लंगर अटूट चलता रहा जिसमे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लंगर छका।