शिमला। भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित समारोह के दौरान हिमाचल प्रदेश के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। ठाकुर के साथ उनके मंत्रिमंडल के 11 अन्य मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 52 वर्षीय ठाकुर और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। स्वयं सेराज से छठी बार भाजपा विधायक चुने गये ठाकुर ने अपने मंत्रिमंडल में छह नये चेहरों को शामिल किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कई अन्य केन्द्रीय मंत्री भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री और 11 अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही 12 सदस्यीय कैबिनेट की संख्या पूरी हो गयी है। दो अन्य विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के नये अध्यक्ष राजीव बिंदल होंगे।
ठाकुर प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिले मंडी से प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। वह राज्य के 14वें मुख्यमंत्री और प्रदेश में इस पद पर आसीन होने वाले छठे व्यक्ति हैं। समारोह के दौरान सुरेश भारद्वाज और गोविंद सिंह ठाकुर ने संस्कृत में, जबकि अन्य ने हिन्दी में शपथ ली। ठाकुर की कैबिनेट में एक मात्र महिला चेहरा है सरवीन चौधरी। ठाकुर के मंत्रिमंडल में शामिल 11 मंत्री हैं मोहिन्दर सिंह, कृष्ण कपूर, सुरेश भारद्वाज, अनिल शर्मा, सरवीन चौधरी, राम लाल मारकंडा, विपिन परमार, वीरेन्द्र कंवर, गोविन्द सिंह ठाकुर, राजीव सैजल और विक्रम सिंह। कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा उनके गृह जिला मंडी से दो और मंत्री शामिल हैं।
सबसे बड़े कांगड़ा जिले से चार जबकि शिमला, सोलन, कुल्लू, ऊना और लाहौल-स्पीति से एक-एक विधायक को मंत्री बनाया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश नड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल के गृह जिलों बिलासपुर और हमीरपुर, तथा चम्बा और सिरमौर से किसी विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है। कांगड़ा और मंडी जिलों से भाजपा को 20 सीटों पर जीत मिली है। उसे अनुसूचित जातियों के लिए सुरक्षित 17 में से 13 सीटों पर जबकि अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित तीन में से दो सीटों पर जीत मिली है।
रोमेश धावला और नरिन्दर ब्रागटा सहित पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों को कैबिनेट में जगह नहीं दी गयी है। कैबिनेट में मुख्यमंत्री, मोहिन्दर सिंह, विपिन परमार, वीरेन्द्र कंवर, गोविंद सिंह ठाकुर और विक्रम सिंह छह मंत्री राजपूत समुदाय से हैं। वहीं तीन ब्राह्मण सुरेश भारद्वाज, अनिल शर्मा और राम लाल मारकंडा तथा दो ओबीसी नेता कैबिनेट में हैं। इनमें से मारकंडा आदिवासी ब्राह्मण हैं।
जयराम ठाकुर वर्ष 2009 से 2012 के बीच मंत्री रह चुके हैं। वह वर्ष 2006 से 2009 तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी रहे। सातवीं बार विधायक चुने गये मोहिन्दर सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की भाजपा सरकार में 1998 और 2007 में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वहीं धर्मशाला से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए कृष्ण कपूर भी धूमल सरकार में 1998-2003 और 2007-2012 तक कैबिनेट मंत्री रहे हैं। ठाकुर मंत्रिमंडल में शामिल एकमात्र महिला सदस्य सरवीन चौधरी भी चौथी बार विधायक चुनी गयी हैं और तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।
चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले अनिल शर्मा मंडी से चार बार विधायक चुने गये हैं और वह वीरभद्र सिंह की कैबिनेट में 1993 और 2012 में मंत्री भी रहे हैं। तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए राम लाल मारकंडा 1998 से 2003 तक धूमल सरकार में मंत्री रह चुके हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश भारद्वाज चौथी बार विधायक चुने गये हैं। वह राज्य सभा के सदस्य और राज्य भाजपा के प्रमुख रह चुके हैं। मंत्रिमंडल में कुटलेहड़ से चौथी बार विधायक चुने गये वीरेन्द्र कंवर, विपिन परमार, गोविंद ठाकुर, राजीव सैजल और विक्रम सिंह को भी जगह दी गयी है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 68 में से 44 सीटें मिली हैं।
प्रदेश में भाजपा की ओर से घोषित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद विधायक दल के नेता का चुनाव हुआ। इसमें जयराम ठाकुर को विधायक दल ने अपना नेता चुना। रिज मैदान भाजपा के झंडों से भगवा हो गया था, चारों ओर मोदी, शाह और ठाकुर के बड़े-बड़े कट-आऊट लगाए गए थे। शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और जयप्रकाश नड्डा के अलावा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।
समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, महाराष्ट्र के देवेन्द्र फडणवीस और असम से सर्बानंद सोनोवाल भी उपस्थित थे।