रजनीकांत ने किया राजनीति में आने का ऐलान

चेन्नई। तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने असमंजस की स्थिति को समाप्त करते हुए राजनीति में आने का ऐलान करते हुए कहा कि वह खुद की पार्टी का गठन करेंगे जो राज्य में अगले विधानसभा चुनावों की सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इस घोषणा से अभिनेता के राजनीतिक क्षेत्र में उतरने को लेकर दो दशकों की अटकलबाजी पर विराम लग गया है। प्रशंसकों की जोरदार तालियों के बीच 67 वर्षीय सुपरस्टार ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से राजनीति में प्रवेश कर रहा हूं।’’

राजनीति में ईमानदारी और सुशासन के विचार के साथ आये रजनीकांत ने कहा, ‘‘सब कुछ बदलना होगा’’ और ऐसी ‘‘आध्यात्मिक राजनीति’’ की शुरूआत किये जाने की जरूरत है जिसमें पारदर्शिता हो और किसी जाति या धर्म का कोई रंग नहीं हो। उन्होंने कहा, ‘‘यहीं मेरा उद्देश्य और इच्छा है।’’ उन्होंने राजनीति में उनके आने के कदम का समर्थन करने वाले लोगों से अपील की कि ऐसा अकेले करना संभव नहीं था। रजनीकांत ने कहा कि वह भाई भतीजावाद या मेज के नीचे से लेन-देन को सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे स्वयंसेवकों की जरूरत है जो निगरानी करेंगे और जो अपने स्वार्थों के लिए किसी अधिकारी, मंत्री या सांसद या विधायकों के पास नहीं जायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के ‘स्वयंसेवकों’ को उन लोगों से सवाल करने चाहिए जिन्होंने गलतियां की है।

उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के लिए केवल इस तरह के लोगों की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो निगरानी करने वाले इस तरह के लोगों का केवल एक प्रतिनिधि हूं।’’ अभिनेता ने कहा कि उनका पहला काम राज्यभर में प्रशंसकों के मौजूदा पंजीकृत और गैर पंजीकृत क्लबों को व्यवस्थित करना होगा। उन्होंने अपने प्रशंसकों से समाज के सभी वर्गों को क्लब में लाने की अपील की ताकि एक पार्टी बनाई जा सकें और ‘‘तब तक ऐसी किसी राजनीतिक वार्ता में शामिल होने की जरूरत नहीं है।’’ रजनीकांत ने कहा, ‘‘राजनीति और लोकतंत्र बहुत खराब हो गये हैं।

तमिलनाडु में पिछले एक वर्ष में हुई कुछ राजनीतिक घटनाओं से हर तमिल शर्मिंदा हुआ और अन्य राज्यों के लोग ‘‘हम पर हंस रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि अब मैं यह निर्णय नहीं लेता तो मुझे बेशुमार प्यार करने और जीवन देने वाले तमिल लोगों के लिए लोकतांत्रिक माध्यमों से कुछ नहीं कर पाने का मलाल मेरे मरने तक रहता।’’ अभिनेता ने कहा कि वह जानते है कि पार्टी की शुरूआत करना, सत्ता हासिल करना और शासन चलाना कोई ‘‘साधारण काम’’ नहीं है। यह समुद्र में से मोती निकालने की तरह है। उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल ईश्वर के आशीर्वाद और लोगों के पूर्ण समर्थन से ही संभव हो सका है।’’

उन्होंने विश्वास जताया कि वह दोनों चीजों को पा लेंगे। कर्त्तव्य करने और सबकुछ ईश्वर पर छोड़ देने संबंधी भगवद्गीता के एक श्लोक का हवाला देते हुए, सिने अभिनेता ने कहा, ‘‘यह समय की आवश्यकता है।’’ उन्होंने धर्मग्रंथ के हवाले से कहा, ‘‘युद्ध लड़ों, यदि तुम जीत गये तो राष्ट्र में शासन करोगे, यदि मर गये तो स्वर्ग में जाओगे। यदि बिना युद्ध लड़े मरे तो तुम वे आपको कायर कहेंगे।’’ अभिनेता ने कहा कि वह अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनायेंगे जो तमिलनाडु की सभी 234 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। छह दिवसीय बैठक के समापन के मौके पर यहां अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अभिनेता ने कहा कि समय कम होने के कारण स्थानीय निकाय चुनाव लड़ पाना संभव नहीं है। वर्ष 1996 में अभिनेता ने जयललिता के खिलाफ विरोध की आवाज उठाई थी।

उन्होंने कहा कि पार्टी की शुरूआत विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उचित समय पर की जायेगी। रजनीकांत ने कहा कि पार्टी की नीतियों को आवाम तक ले जाया जायेगा और उनकी पार्टी का नारा सच्चाई, कड़ी मेहनत और विकास होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा करो, बोलो और केवल अच्छा होगा’’ मार्गदर्शक नारा होगा। अपने प्रशंसकों की उनके ‘‘अनुशासन’’ के लिए तारीफ करते हुए अभिनेता ने कहा कि इनके साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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