नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मंगलवार को कहा कि अपने परिवारों से अलग कर दिए गए भाई-बहनों को गोद लेने की प्रक्रिया के दौरान अलग किया जा सकता है। लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब बच्चों की आयु पांच साल से अधिक हो और वह इसके लिए राजी हों।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि अब तक देश में अब तक बच्चों को गोद दिलाने वाली एजेंसी चाइल्ड एडॉप्शन रीसोर्स अथारिटी (कारा) ऐसे बच्चों को एक ही परिवार को देती थी। ऐसा न हो पाना अपवाद स्वरूप ही होता था। लेकिन अब यह बदल जाएगा।
हालांकि पांच साल से अधिक आयु के बच्चों की सहमति पर भी कारा उन्हें अलग-अलग परिवारों को गोद दे सकेगी। इसके लिए बाल कल्याण समिति लगातार उनसे परामर्श करेगी। उल्लेखनीय है कि गोद लेने के कानून को नियंत्रित करने वाले जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 के तहत सभी सगे भाई-बहनों को एक ही संस्था या परिवार में देने की व्यवस्था थी।
मेनका गांधी ने कहा कि इस बात से नाराज संभावित माता-पिता के विरोध पर उन्होंने इस विषय को उठाया है। तीन दिन पहले उन्हें एक महिला की शिकायत मिली कि उसे एक बच्चे को गोद लेने से रोक दिया है क्योंकि उसका एक और भाई या बहन है।