हरिद्वार। उत्तराखंड के आईएएस अधिकारी दीपक रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में केस दर्ज किया गया है। उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। हरिद्वार के कलेक्टर को सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जाना जाता है। वह लोगों की शिकायत पर कई बार सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण करने को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। समाचार के मुताबिक, उनके खिलाफ कथित तौर पर एक पुजारी को बंद करने में मारने के मामले में कानूनी कार्रवाई की गई है। आरोप सही पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
डीएम दीपक रावत कई मामलों से पर्दा उठा चुके हैँ। इनमें हरिद्वार के आरटीओ दफ्तर में चलने वाला गोरखधंधे पर लगाम लगाना सबसे प्रमुख है। उन्होंने लोगों की शिकायत पर आरटीओ दफ्तर का औचक नीरिक्षण किया था, जहां भ्रष्टाचार के मामले पाए गए थे। काउंटर पर सरकारी अधिकारियों के बजाय कोई और बैठा था। दीपक रावत ने उसी वक्त आरटीओ को तलब कर न केवल कड़ी फटकार लगाई थी, बल्कि स्पष्टीकरण भी मांगा था। वह नैनीताल में भी बतौर कलेक्टर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वहां उन्होंने सिनेमा हॉल के नकली टिकटों के कारोबार का भंडा फोड़ा था। दीपक रावत अपनी कार्यशैली की वजह से विवादों में भी रहते हैं।
दीपक रावत के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किए जाने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दीप प्रकाश पंत ने ट्वीट किया, ‘अच्छे अधिकारियों को सरकार ऐसे ही फंसाती है।’ एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, ‘लोग उनके बारे (दीपक रावत) में कुछ जाने बिना ही टिप्पणी कर रहे हैं। जिन लोगों ने उनके साथ काम किया है, वही जानते हैं कि वह कितना भ्रष्ट हैं।’ पिछले साल दृष्टिहीन बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाकर चर्चा में आए थे। हालांकि, कुछ लोग उन पर अधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाते हैं। इसके बावजूद लोग उन्हें लीक से हटकर काम करने को लेकर जानते हैं।