देहरादून। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 की शुरुआत उत्तराखंड में गुरुवार को सात शहरों से की जा रही है। सर्वेक्षण के लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिकृत की गई कार्वी कंपनी के आकलनकर्ता (एसेसर) पहली सूची के चयनित शहरों में पहुंचेंगे और संबंधित नगर निकाय से सफाई व्यवस्था के दस्तावेज प्राप्त करेंगे। इसके बाद दस्तावेजों की हकीकत का आकलन धरातलीय स्थिति से करेंगे। यदि दस्तावेज में धरातल से इतर जानकारी पाई गई तो निगेटिव मार्किंग (ऋणात्मक अंक) भी की जाएगी। यानी दस्तावेज में जिन कार्यों को जिस रूप में बताया गया है, धरातल पर भी उसकी पुष्टि होनी जरूरी है।
कुल 4000 अंकों के इस सर्वेक्षण का पहला चरण 1400 अंकों का होगा। इसके तहत निकायों के पांच सेक्टर में किए जा रहे कार्यों को शामिल किया जाएगा। दूसरे चरण में 1200 अंकों के लिए कार्वी कंपनी की टीम शहर का औचक निरीक्षण भी करेगी। जबकि, तीसरे और सबसे अहम चरण में टीम सफाई व्यवस्था पर नागरिकों की प्रतिक्रिया जानेगी। यह चरण 1400 अंकों का है और विभिन्न सवालों को भी अलग-अलग अंकों में विभाजित किया गया है। उधर, शहरी विकास निदेशक विनोद कुमार सुमन ने बताया कि केदारनाथ, बदरीनाथ गंगोत्री धाम में कपाट बंद होने और अल्मोड़ा के भतरौजखान में हाईकोर्ट का स्टे होने से इन शहरों में सर्वेक्षण अभी संभव नहीं है।
गुरुवार को यहां शुरू होगा सर्वे
विकासनगर, रुड़की, बड़कोट, कीर्तिनगर, द्वाराहाट, लोहाघाट, काशीपुर
सात और शहरों की तिथि तय
राज्य के सात और शहरों में सर्वेक्षण की सूची भी तय कर ली गई है। इनमें आठ, नौ और दस जनवरी को सर्वेक्षण कार्य शुरू होगा। हालांकि, अभी देहरादून नगर निगम में सर्वेक्षण की तिथि तय नहीं की जा सकी है। सर्वेक्षण कार्य पूरे देश में चल रहा है, लिहाजा कार्वी कंपनी के पास सीमित संख्या में ही आकलनकर्ता हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 16 जनवरी तक के सर्वेक्षण कार्य तय हो चुके हैं और दून में इस तिथि के बाद ही सर्वेक्षण होने की उम्मीद है।
अगले सर्वेक्षण यहां होंगे
08 जनवरी: नैनीताल, देवप्रयाग, अमस्त्यमुनि।
09 जनवरी: झबरेड़ा।
10 जनवरी: बनबसा, हरिद्वार।