नई दिल्ली। समूचे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में रविवार देर रात से जारी घने कोहरे के बाद सोमवार सुबह हल्की धूप खिलने से लोगों को काफी राहत मिली। हालांकि ये राहत ज्यादा देर की नहीं थी। शाम होते ही सर्द हवाएं चलने से फिर ठिठुरन और गलन बढ़ गई। सड़कों पर यातायात कोहरे में सुस्त पड़ गया, तो रेलगाडियां भी पटरियों पर धीमी रफ्तार से दौड़ीं। ठंड और कोहरे का असर विमान सेवाओं पर भी पड़ता दिखा। वहीं, ठंड से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ठंड लगने से आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, मऊ, बलिया, कानपुर, हमीरपुर, महोबा और उरई में 28 लोगों की जान चली गई। उधर, कश्मीर में डल झील जम गई। जबकि बिहार में शीतलहर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पहाड़ों पर बर्फबारी जारी रहने से भी उत्तर प्रदेश में ठंड का असर कम नहीं हो रहा है। आने वाले दो-चार दिनों तक मौसम की यही स्थिति बरकरार रहेगी। सोमवार को शाहजहांपुर में तो रिकॉर्ड तोड़ सर्दी से सामना हुआ और शहर का न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दूसरी ओर सर्द हवाओं से ठिठुरते उत्तराखंड में मौसम की चुनौतियां बरकरार हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 20 जनवरी से पहले तक हालात में ज्यादा परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है। इसके बाद ही बारिश की संभावना है। कड़ाके की ठंड के बीच पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे है, जबकि मैदानी इलाकों में यह पांच से सात डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।