आठ सिख तीर्थयात्रियों के लापता होने पर अब परिजनों ने मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की लगाई गुहार

देहरादून : जुलाई में हेमकुंड साहिब के दर्शन को आए दो एनआरआइ समेत आठ सिख तीर्थयात्रियों के लापता होने के मामले में अब परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाई है। परिजनों ने ट्वीट कर विदेश मंत्री को अपनी व्यथा बताते हुए लापता परिजनों की गंभीरता से तलाश कराने की मांग की है।

बता दें कि जुलाई में हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए अमृतसर(पंजाब) से आठ तीर्थयात्री उत्तराखंड आए थे। हेमकुंड साहिब के दर्शन के बाद यह दल अचानक लापता हो गया। परिजन दो-तीन दिन तक उनके लौटने का इंतजार करते रहे, लेकिन उनके मोबाइल आदि बंद होने के कारण उन्हें अनहोनी का डर सताने लगा। परिजनों की ओर 11 जुलाई को चमोली के गोविंदघाट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। बताया गया कि दल में एनआरआइ परमजीत सिंह व हरपाल सिंह के अलावा कुलवीर सिंह, पाला सिंह, गोरा सिंह, जसवीर सिंह, इकबाल सिंह व महंगा सिंह शामिल थे।

पुलिस की जांच में सामने आया कि आखिरी बार तीर्थयात्रियों के दल की लोकेशन अलकनंदा नदी के पास गोविंदघाट के निकट मिली थी। इससे आशंका जताई गई कि तीर्थयात्रियों का वाहन अलकनंदा नदी में समा गया है। इसके बाद कभी गोताखोर न मिलने तो कभी मौसम के प्रतिकूल न होने को लेकर तीर्थयात्रियों के सर्च आपरेशन पर अड़ंगा लगता रहा।

बीते दिसंबर माह में परिजनों की ओर से राज्य के आला पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया के जरिए भेजे गए संदेश के बाद तेजी आई थी, तब गोताखोरों ने अलकनंदा नदी से हरपाल सिंह का जैकेट खोज निकाला। इसमें उनका आधार कार्ड, मोबाइल फोन भी मिल गया। ऐसे में इस बात की लगभग पुष्टि हो गई कि यात्रा के दौरान दल हादसे का शिकार हो गया था।

डीआइजी (गढ़वाल) पुष्पक ज्योति का कहना है कि सिख तीर्थयात्रियों की तलाश के लिए उत्तराखंड से इलाहाबाद तक सर्च ऑपरेशन चलाया जा चुका है। एसडीआरएफ को इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। दिसंबर में चले सर्च आपरेशन के दौरान एक तीर्थयात्री की जैकेट मिली थी, जिसके बाद उस क्षेत्र में व्यापक सर्च आपरेशन चलाया गया, लेकिन इसके बाद कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

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