सिडकुल स्थित कंपनी पर आयकर विभाग का छापा , दस घंटे चली कार्रवार्इ

रुद्रपुर : सिडकुल के सेक्टर 9 स्थित ईरा एपेक्स बिल्डिसिस लिमिटेड में आयकर विभाग की टीम ने छापा मार कार्रवाई की। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई कार्रवाई रात 10 बजे तक चली। इस बीच सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए। साथ ही गेट पर भी टीम का कब्जा रहा। खबर मिली है कि आयकर की कार्रवाई कंपनी के नोएडा स्थित हेड ऑफिस और हरिद्वार तथा बागपत कार्यालय में भी हुई।

ईरा एपेक्स बिल्डिसिस लिमिटेड कंपनी पुलों के सामान का निर्माण करती है। पंतनगर सिडकुल के सेक्टर 9 में यह कंपनी पिछले एक साल से बंद चल रही है। मांगों को लेकर कंपनी के बाहर कर्मचारी आंदोलित हैं। डेढ़ माह पहले सिडकुल ने भी देनदारी को लेकर कंपनी पर सील लगा दी है। कंपनी बंद होने से सैकड़ों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। उनका मामला सचिवालय में विचाराधीन है। कंपनी में केवल सुरक्षा कर्मी ही तैनात हैं।

गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे आयकर की दिल्ली और देहरादून की दो वाहनों से आई सात सदस्यीय टीम कंपनी गेट पर पहुंची और कंपनी के गार्ड रोशन लाल, राम सिंह, नरेश पाल व हुकुम सिंह से पूछताछ कर भीतर घुस गई। साथ ही चारों सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल भी टीम ने कब्जे में ले लिए। गेट भी बंद कर दिया गया। टीम ने कंपनी के बाहर के कार्यालय में डेरा जमाया और पूछताछ शुरू की। पता किया गया कि कंपनी में कौन कौन आता है। गार्डों ने बताया कि कंपनी में जीएम आशीष व एचआर हेड रवि का आना जाना लगा रहता है। इसके अलावा भी टीम ने कंपनी से संबंधित कागजात सिडकुल कार्यालय से भी जुटाए। टीम तहसील व एएलसी कार्यालय भी गई और पूछताछ की। टीम की कार्रवाई रात 10 बजे तक बेहद गोपनीय तरीके से चली। इस संबंध में टीम ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। यहां तक कि पुलिस तक को इसकी सूचना नहीं दी गई थी।

सूत्रों की मानें तो आयकर की यह कार्रवाई कंपनी के नोएडा के सेक्टर 62 स्थित हेड ऑफिस के साथ ही हरिद्वार व बागपत के कार्यालय में भी हुई है। बता दें कि सड़कों व पुलों का निर्माण करने वाली ईरा कंपनी पिछले दिनों सुर्खियों में आई थी। सूत्र बताते हैं कि इस कंपनी को काली सूची में भी डाल दिया गया है।

आंदोलनरत कर्मियों में जगी आस

कंपनी बंद होने से सैकड़ों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। ये अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से कंपनी गेट पर धरना दे रहे हैं। प्रशासन और एएलसी की मौजूदगी में भी कंपनी प्रबंधन से उनकी वार्ता विफल रही है। ऐसे में आयकर छापे के बाद श्रमिकों में उम्मीद जगी है कि उनके बकाए का भुगतान जल्द हो सकेगा।

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