बारिश नहीं होने को लेकर जताई जा रही गंभीर चिंता।

पिथौरागढ़ : मौसम को लेकर लग रहे कयास और आंकड़े अलग-अलग बात बयां कर रहे हैं। कयासों में बारिश नहीं होने को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है तो पिछले तीन साल के शीतकाल में बारिश के आंकड़े दूसरी ही हकीकत सामने ला रहे हैं। यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जनवरी माह में भी पर्वतीय क्षेत्रों में बहुत अधिक वर्षा नहीं हुई है। पिछले तीन सालों में मात्र जनवरी 2017 में ही आसमान मेहरबान रहा है। अलबत्ता इस बार हिमपात कम हुआ है। बीते वर्ष इस समय तक मुनस्यारी में तीसरा हिमपात हो चुका था। इस वर्ष अभी तक केवल एक बार हिमपात हुआ है।

शीतकालीन वर्षा अमूमन जनवरी माह में ही होती आई है। आंकड़े भी यही बयां करते हैं। अतीत में भी माघ माह यानि 15 जनवरी के बाद ही शीतकालीन वर्षा होती आई है। यही समय सर्वाधिक पाला गिरने का भी होता है। पाला अधिक गिरने से ठंड में इजाफा हो जाता है। बारिश होने के बाद पाला गिरना कम होता है। इधर अभी मौसम विभाग के अनुसार आगामी 23 जनवरी के आसपास से बारिश की संभावना जताई जा रही है। पिछले तीन साल के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि मध्य जनवरी के बाद शीतकालीन वर्षा ने दस्तक दी थी।

शीतकाल में वर्षा के पिछले तीन साल के आंकड़े

वर्ष नवंबर दिसंबर जनवरी

2015 शून्य . 8 एमएम

2016 शून्य 5.5 एमएम 5.6 एमएम

2017 शून्य 12. 3 एमएम 30.9 एमएम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *