देहरादून : बुलेट की धड़धड़ाती तेज आवाज का शौक युवाओं में होना आम बात है, लेकिन ऐसे ही युवाओं को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने वाली सीपीयू (सिटी पेट्रोल यूनिट) भी इस नक्शेकदम पर चले तो इसे क्या कहेंगे…। जी हां! इन दिनों सीपीयू जवानों को भी बुलेट में तेज आवाज का चस्का लग गया है। कई सीपीयू जवानों ने तो बुलेट के कंपनी फिटेड साइलेंसर को निकालकर उनकी जगह बाजार में मिलने वाले वह साइलेंसर फिट करा दिए हैं, जो अधिक आवाज करते हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने इसकी शिकायत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से की है।
बुधवार को डीजीपी को भेजी गई शिकायत में भूपेंद्र कुमार ने साइलेंसर बदले जाने वाली पांच बुलेट मोटरसाइकल की फोटो को नंबर के साथ चस्पा किया है। उन्होंने शिकायत में यह भी कहा कि न सिर्फ साइलेंसर बदला जाना मोटरयान अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति के साथ छेड़छाड़ भी है।
क्योंकि सीपीयू को बुलेट मोटरसाइकल विभाग की तरफ से मुहैया कराई गई है। वहीं, शिकायत को लेकर एसपी ट्रैफिक लोकेश्वर सिंह का कहना है कि अभी मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि बुलेट के साइलेंसर बदले गए हैं तो इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत में इन बुलेट का जिक्र
यूके07जीए-1342, 1332, 1481, 1338 व 1335 नंबर की मोटरसाइकल के चित्रों पर बाहर से लगाए गए साइलेंसर नजर आ रहे हैं। जबकि तीन और फोटो व नंबर (यूके07जीए1339, 1340, 1333) भी शिकायत में दिए गए हैं और इनमें कंपनी फिटेड ही साइलेंसर दिख रहे हैं।
एमवी एक्ट-190 व 192 का उल्लंघन
देहरादून के एआरटीओ (प्रशासन) अरविंद कुमार पांडे का कहना है कि इस तरह साइलेंसर बदलना मोटरयान अधिनियम (एमवी एक्ट) की धारा 190 व 192 का उल्लंघन है। 190 के तहत जिस रूप में वाहन पंजीकरण है, उसी रूप में साइलेंसर नजर आना चाहिए। जबकि 192 के तहत यह कृत्य प्रदूषण फैलाने का दायरे में आता है।
बुलेट साइलेंसर पर पुलिस की कार्रवाई
मामला भले ही ऋषिकेश के समीप पौड़ी जिले की सीमा वाले लक्ष्मण झूला पुलिस से जुड़ा है, लेकिन सीपीयू को आइना दिखाने वाला है। पौड़ी के एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने दो दिन पहले लक्ष्मण झूला क्षेत्र में ऐसी पांच बुलेट को सीज किया, जिनमें बाइक को मॉडिफाइड कर साइलेंसर लगाए गए थे।