देहरादून। अपनी मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने जुलूस निकालकर सचिवालय के लिए कूच किया लेकिन पुलिस ने बैरीकैडिंग लगाकर उन्हें जाने से रोक दिया। रोके जाने के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ तीखी नोक-झोंक हुई। इसके बाद वे वहीं पर धरने पर बैठ गई। परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर अपनी अनेक मांगों के समाधान के लिए आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन एंव आशा फैसिलिटेटर संगठन ने राजधानी में प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने वहां से सचिवालय के लिए कूच किया लेकिन पुलिस ने बैरीकैडिंग लगाकर सभी को रोक लिया। उनका कहना था कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकत्र्रियों के लिए 33 करोड़ रूपये की घोषणा की थी उसके द्वारा उत्तराखंड आशा कार्यकत्र्रियों को समय से पांच हजार रूपये प्रत्येक वर्ष प्रोत्साहन राशि एवं दो हजार रूपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि का एक मुश्त भुगतान किया जाना चाहिए लेकिन आज तक इस दिशा मंे आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिससे आशा कार्यकत्र्रियों में रोष बना हुआ है। आशा कार्यकत्र्रियों एवं आशा फैसिलिटेटर्स को पन्द्रह हजार रूपये प्रतिमाह का मानदेय भुगतान किया और आशा कार्यकत्र्रियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाये। इसके साथ ही उनकी ग्यारह सूत्रीय मांगें है जिनका समाधान किया जाना है लेकिन आज तक प्रदेश सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। प्रशासनिक अधिकारी के जरिये सचिव, स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को संबोधित ज्ञापन प्रेषित करते हुए शीघ्र ही कार्यवाही किये जाने की मांग की गई। इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री संजीव विश्नोई, पंकज शर्मा, उज्जवल त्यागी, चन्द्रमोहन बिजल्वान, रामचन्द्र खंडूरी, गोविन्द सिंह बिष्ट, दिनेश पांडेय, आरती थापा, रजनी शर्मा, मधु सिंह, गंगा गुप्ता, माया, सविता, विजय लक्ष्मी भंडारी, ललितेश विश्वकर्मा, रेनू नेगी, ममतेेश, तनुजा, रोशनी आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।