श्रीनगर गढ़वाल, पौड़ी : ऋषिकेश से कर्णप्रयाग (सिवई) 125 किमी लंबी रेल ब्राडगेज की रेल लाइन में इलेक्ट्रिक ट्रेनें चला करेंगी। यह रेल लाइन देवप्रयाग सौड़ से जनासू तक 15.1 किमी लंबी सुरंग से होकर गुजरेगी। यह सुरंग देश की सबसे लंबी रेल सुरंग भी होगी। अभी बनीहाल से श्रीनगर कश्मीर दस किमी लंबी सबसे लंबी रेल सुरंग है।
श्रीनगर में शनिवार से शुरू हुए राष्ट्रीय पंचायत पुस्तक मेले में रेल विकास निगम की ओर से लगाए स्टाल से आमजन को यह जानकारी भी मिल रही है। रेल विकास निगम के इंजीनियर प्रफुल्ल रमोला और लोकेश पुंडीर जनता को ऋषिकेश से कर्णप्रयाग प्रस्तावित इस रेल लाइन की विभिन्न विशेषताओं के बारे में बता रहे हैं। इस रेल लाइन का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य भी है।
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन 200 मीटर से लेकर 15.1 किमी लंबी कुल 17 सुरंगों से गुजरेगी। इस रेल लाइन में ऋषिकेश से शिवपुरी तक 10.85 किमी लंबी पहली रेल लाइन टनल है और आखिरी टनल गौचर से कर्णप्रयाग सिवई 6.27 किमी लंबी है। प्रफुल्ल रमोला ने बताया कि इस रेललाइन की टनलों का निर्माण अतिआधुनिक टनल कोङ्क्षटग मशीन से बनाने पर भी रेल विकास निगम विचार कर रहा है।
रेल लाइन निर्माण को लेकर निकलने वाले मलबे के लिए 31 डंङ्क्षपग यार्ड चिह्नित किए हैं। अभियंता लोकेश पुंडीर ने बताया कि इस रेल लाइन निर्माण को लेकर भूमि परीक्षण का कार्य अंतिम चरण में भी है। दो कंपनियों ने आगामी मई जून तक यह कार्य पूरा कर लिए जाने की संभावना है। राष्ट्रीय पंचायत पुस्तक प्रदर्शनी में लगाए रेल विकास निगम के स्टाल में चित्रों और मानचित्र के द्वारा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन के बारे में विस्तार से भी बताया गया है।
संयुक्त अस्पताल से डुंगरीपंथ तक बनेगी टनल
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन नैथाणा से अलकनंदा नदी पर बने पुल के ऊपर से गुजरते हुए जीआइटीआइ के मैदान से गुजरेगी। जीआइटीआइ मैदान में यह रेलवे लाइन जमीन के ऊपर ही रहेगी। जिसके बाद संयुक्त अस्पताल से लेकर डुंगरीपंथ बनने वाली नौ किमी लंबी टनल से यह रेल लाइन गुजरेगी। श्रीनगर शहर के नीचे बनी टनल से यह रेल लाइन गुजरेगी।