दस करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा

गोपेश्वर : उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की हीलाहवाली के चलते पांच साल में भी नर्सिंग कालेज का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। दस करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। हाल यह है कि दो साल से नर्सिंग कालेज चमोली में दाखिला लेने वाले दो बैच टिहरी जिले में अध्ययन कर रहे हैं।

सीमांत क्षेत्र की बालिकाओं को घर बैठे रोजगारपरक शिक्षा देने के मकसद से सरकार ने वर्ष 2013 में बदरीनाथ के तत्कालीन विधायक राजेंद्र भंडारी की पहल पर गोपेश्वर में नर्सिंग कालेज की मंजूरी दी थी। नर्सिंग कालेज में हॉस्टल, कक्षा कक्ष व प्रशासनिक भवन का निर्माण होना था।

इसके लिए 18 करोड़ रुपये की राशि मंजूर कर निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को सौंपी गई थी। उप्र निर्माण निगम 10 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान कर चुकी है, लेकिन अभी भी निर्माण आधा-अधूरा पड़ा है। यह निर्माण वर्ष 2017 में पूरा हो जाना चाहिए था।

स्वास्थ्य विभाग ने निर्माण एजेंसी पर भरोसा कर 2016 में यहां की 40 सीटों पर दाखिले भी कर दिए, लेकिन भवन के आधा-अधूरा होने पर आवंटित सीटों पर हुए दाखिलों को टिहरी हस्तांतरित कर छात्राओं को टिहरी में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू कराई। वर्ष 2017 में भी मार्च माह तक भवन का निर्माण पूरा करने का भरोसा दिलाया गया था, परंतु निर्माण एजेंसी दोबारा भी अपने वायदे पर खरा नहीं उतरी।

इस वर्ष भी 40 सीटों पर दाखिला लेने वाली छात्राएं टिहरी में अध्ययन कर रही हैं। छात्राओं की संख्या अधिक होने के चलते टिहरी नर्सिंग कालेज से मार्च 2018 में छात्राओं को चमोली शिफ्ट होने का नोटिस जारी हो चुका है। इसके बावजूद नर्सिंग कालेज के निर्माण की स्थिति जस की तस है।

निर्माण निगम का दावा है कि वह 10 मार्च तक दो भवन नर्सिंग कालेज प्रशासन को दे देंगे, ताकि छात्राओं को टिहरी से यहां हस्तांतरित किया जा सके। दो अन्य भवनों पर भी कार्य तेजी से करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन निर्माण की गति देखकर ऐसा नहीं लगता।

जेएसएन व एएनएम प्रशिक्षण भी लटका

एनआरएचएम से 2007 में ही पठियालधार के टीबी हास्पिटल में एएनएम, जेएनएम प्रशिक्षण सेंटर खोला गया था। लेकिन तब शिक्षकों के कम मानदेय के चलते न आने से एएनएम, जेएनएन प्रशिक्षण शुरू नहीं हो पाया था। इस भवन पर केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहा है। बीएससी नर्सिंग कालेज शुरू हो तो स्वास्थ्य विभाग की रणनीति है कि एएनएम और जेएनएम प्रशिक्षण भी शुरू किया जाए।

जल्द पूरा होगा कार्य 

उप्र निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद तिवारी के मुताबिक दो भवनों का निर्माण 10 मार्च तक पूरा कर दिया जाएगा और नर्सिंग कालेज का संचालन शुरू हो जाएगा। अन्य भवन भी जून तक पूरे हो जाएंगे। निर्माण निगम युद्धस्तर पर कार्य कर रही है।

निर्माण एजेंसी के खिलाफ हो कार्रवाई 

पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी के मुताबिक नर्सिंग कालेज में वर्ष 2016 से दाखिले शुरू हैं, लेकिन निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी के चलते सीमांत क्षेत्र की बालिकाओं को घर बैठे रोजगारपरक शिक्षा की मंशा साकार नहीं हो रही है। सरकार को निर्माण एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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