उत्तरकाशी : उत्तरकाशी व टिहरी जिले की सीमा पर स्थित नचिकेता ताल के सौंदर्य के दीदार से पर्यटक महरूम हैं। जबकि, नचिकेता ताल शीतकालीन पर्यटन स्थलों में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए वन विभाग ने दस रुपये प्रति पर्यटक प्रवेश शुल्क निर्धारित किया हुआ है। बावजूद इसके इस सीजन अब तक मात्र सौ पर्यटक ही नचिकेता ताल पहुंच पाए।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 29 किमी दूर स्थित चौरंगीखाल तक सड़क मार्ग और वहां से तीन किमी पैदल दूरी तय कर नचिकेता ताल पहुंचा जाता है। 1200 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली यह एक बेहद खूबसूरत झील है, जिसके चारों ओर मोरू, बांज, बुरांश व चीड़ का घना वन है। वन विभाग ने झील के चारों ओर टहलने के लिए रास्ता भी बनाया हुआ है।
लेकिन, जरूरी सुविधाओं के अभाव के चलते उसका सौंदर्य निहारने पर्यटक यहां नहीं पहुंच पा रहे। जबकि, इन दिनों नचिकेता ताल के आसपास का बुग्याली क्षेत्र बर्फ से ढका हुआ है।
सीएम के निर्देश पर भी नहीं जागा विभाग
तीन वर्ष पहले उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नचिकेता ताल जाने वाले रास्तों को बेहतर बनाने और वहां पर्यटकों के लिए विश्राम गृह बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भी भेजा। लेकिन, अब तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ है।
शासन को भेजा प्रस्ताव
जिला पर्यटन अधिकारी बीपी टम्टा के मुताबिक नचिकेता ताल जाने वाले रास्ते व अन्य कार्यों के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन, अब तक धनराशि प्राप्त नहीं हुई। नचिकेता ताल अधिक से अधिक पर्यटक पहुंचें, इस पर भी पर्यटन विभाग काम कर रहा है।