देहरादून: शासन ने पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता इमरान अहमद को भ्रष्टाचार के मामले में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है। अब उन्हें चार्जशीट सौंपने की तैयारी है। इसके साथ ही शासन ने अपर सचिव पेयजल को मामले की समयबद्ध जांच सौंपी है। उन्हें 15 दिन के भीतर मामले की जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। वहीं, एमडी (प्रबंध निदेशक) पेयजल भजन सिंह को भी जांच पूरी होने तक लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है।
पेयजल निगम के निलंबित अधिशासी अभियंता इमरान अहमद दून शाखा में तैनात हैं। उनका सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे नौ लाख रुपये की रिश्वत लेते नजर आ रहे हैं। यह पैसे मोथरोवाला में बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ठेकदार को भुगतान के एवज में लेना बताया गया है।
इसके अलावा उन पर हाथीबड़कला क्षेत्र को पानी सप्लाई करने वाले ओवरहेड टैंक में खामी होने के बावजूद पानी भरना और बाद में अपनी कमी छिपाने का भी आरोप लगा। मामला सुर्खियों में आने के बाद शासन ने इस मामले में अधिशासी अभियंता को निलंबित कर दिया है।
प्रभारी सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकि की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। इसमें अधिशासी अभियंता को भ्रष्टाचार व कार्य में लापरवाही का प्रथम दृष्ट्या दोषी बताया गया है। इसके साथ ही अधिशासी अभियंता इमरान अहमद को मुख्य अभियंता (गढ़वाल), उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम, पौड़ी से संबद्ध कर दिया गया है।
शासन ने मामले में अपर सचिव अर्जुन सिंह को मामले की जांच सौंपी है। उनसे स्टिंग सीडी की वैधानिकता देखने, सीडी में कैद प्रकरण की जांच करने और इसमें सुनाई देने वाले नामों से भी पूछताछ कर जांच सौंपने को कहा गया है।
पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या अधिशासी अभियंता को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है। प्रबंध निदेशक को भी जांच पूरी होने तक लंबी छुट्टी पर भेजा गया है। स्टिंग की सीडी मिल चुकी है। इसकी जांच कराई जा रही है इसके साथ ही आरोप पत्र देने की तैयारी है। ओवरहैड टैंक मामले में इसका निर्माण कराने वाले तत्कालीन अधिशासी अभियंता को भी चार्जशीट देने की तैयारी है।