पर्वतीय क्षेत्रों में पटवारियों के हड़ताल पर जाने से प्रभावित हुई कानून व्यवस्था

देहरादून: पर्वतीय राजस्व कानूनगो, पटवारी और अनुसेवक कलमबंद हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने शनिवार को तहसीलों में धरना-प्रदर्शन कर लंबित मांगों के निराकरण तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। उधर, हड़ताल के चलते राजस्व क्षेत्र में कानून व्यवस्था लड़खड़ा गई है।

प्रदेश के 135 कानूनगो, 1216 पटवारी और अनुसेवक लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। शासन स्तर पर कई बार वार्ता होने के बावजूद उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे नाराज राजस्व पटवारियों ने शनिवार से प्रदेश व्यापी कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है।

इस दौरान पटवारियों ने सभी राजस्व क्षेत्रों में कानून व्यवस्था से लेकर राजस्व संबंधी कामकाज से हाथ खींच लिए हैं। इससे राजस्व क्षेत्रों में कानून व्यवस्था प्रभावित होने लगी है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजयपाल सिंह मेहता ने बताया कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। कलमबंद हड़ताल के बीच पटवारियों, कानूनगो और अनुसेवकों ने तहसीलों में धरना-प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री भी नहीं सुन रहे 

राजस्व विभाग मुख्यमंत्री के अधीन हैं। ऐसे में राजस्व पटवारियों को मांगों पर कार्रवाई की उम्मीदें थीं। मगर मुख्यमंत्री ने एक साल बीतने के बाद भी उनके विभाग की समीक्षा तक नहीं की। इसके अलावा राजस्व परिषद से लेकर आयुक्त, सचिव सभी आइएएस हैं। फिर भी राजस्व पटवारियों की सुनवाई नहीं हो रही है।

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