रुड़की: ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) में कंप्यूटर साइंस से ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल करने वाली नमिता कालरा का मानना है कि खुद से ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे दबाव बनता है। नमिता ने कहा कि उन्होंने परिणाम कैसे और क्या होगा सोचने के बजाए मेहनत और लगन से गेट की तैयारी की थी। उसका लक्ष्य टॉप 100 में जगह बनाना था, लेकिन ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल कर खुशी हो रही है।
शहर के सती मोहल्ला में रहने वाली नमिता कालरा ने गेट में ऑल इंडिया में पहली रैंक प्राप्त करके परिवार का ही नहीं, बल्कि शहर और प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। 25 वर्षीय नमिता ने एनआइटी श्रीनगर उत्तराखंड से वर्ष 2014 में बीटेक किया था। नमिता ने ब्रांच में भी टॉप किया था। जबकि उसकी स्कूली शिक्षा ग्रीनवे मॉर्डन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई है। नमिता का बीटेक अंतिम वर्ष में ही कैंपस प्लेसमेंट में चयन हो गया था।
इसके बाद तीन साल नमिता ने पंजाब की एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में बतौर मैनेजर नौकरी की, लेकिन वह एमटेक करना चाहती थीं। इसलिए अप्रैल 2017 में नौकरी छोड़कर गेट की तैयारी के लिए दिल्ली के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया। नमिता बताती हैं कि तीन साल पढ़ाई में गेप आने की वजह से उन्होंने कोचिंग लेना बेहतर समझा। बताया कि कभी भी वह किताबों में डूबी नहीं रही।
कोचिंग में छह घंटे पढ़ने के बाद दो-तीन घंटे ही स्व अध्ययन करती थीं। वह कोचिंग में हर दिन जितना पढ़ाया जाता था, उसे उसी दिन पूरा पढ़ लेती थीं। बताया कि वे आइआइटी मुंबई से एमटेक करना चाहती हैं। गेट की तैयारी करने वाले युवाओं को नमिता टिप्स देते हुए कहती हैं कि कभी भी किसी दूसरे से प्रभावित होकर अपने पढऩे के घंटे तय नहीं करने चाहिए। क्योंकि हर किसी का मस्तिष्क और क्षमताएं अलग-अलग होती हैं। नमिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। नमिता के पिता देवेंद्र कालरा और मम्मी अनीता कालरा बेटी की सफलता से फूले नहीं समा रहे हैं।
विधायक ने दी शुभकामनाएं
नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने नमिता कालरा को उनके आवास पर जाकर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गेट में आल इंडिया में पहली रैंक हासिल करके नमिता ने सिर्फ परिवार का ही नहीं बल्कि प्रदेश का भी नाम रोशन किया है। इस मौके पर नवीन गुलाटी, भूषण कालरा, विक्रांत त्यागी, भारत भूषण आदि उपस्थित रहे।