सिद्धपीठ कुटेटी देवी प्रदान करती है संतान प्राप्ति के साथ ही समृद्धि व सुख शांति

उत्तरकाशी: सिद्धपीठ कुटेटी देवी की पूजा अर्चना संतान प्राप्ति के मनोरथ के साथ ही सुख समृद्धि देने वाली मानी जाती है। खास तौर पर चैत्र नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती हैं।

ऐसे पहुंचें मंदिर

सड़क मार्ग से देहरादून से 160 किमी व ऋषिकेश से 225 किमी की दूरी तय कर उत्तरकाशी पहुंचा जा सकता हैं। शहर से कुटेटी देवी मंदिर लंबगांव-केदारनाथ मार्ग पर तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ऐतिहासिक मान्यता

कहा जाता है कि एक बार राजस्थान के कोटा के महाराज गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए। उन्होंने उत्तरकाशी में ही विश्वनाथ मंदिर में रुककर कुछ दिन तक पूजा अर्चना की। उसके बाद उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह यहीं एक स्थानीय युवक से कर दिया। परिवार से दूर रहने के कारण उनकी दुखी पुत्री को एक बार उनकी कुलदेवी कुटेटी देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और इंद्रावती नदी के समीप ऊंचे टीले पर स्वयं की प्रतिष्ठा करने की बात कही। वह अपने पति के साथ स्वप्न में बताए गए स्थान पर पहुंची तो वहां देवी के प्रतीक स्वरूप तीन पत्थर मिले। उसी जगह पर कुटेटी देवी मंदिर बनाया गया है।

निर्माण की शैली

पुराने समय में यह मंदिर सामान्य स्थानीय भवन शैली से ही मेल खाता था। बाद में मनेरी भाली परियोजना निर्माण के दौरान इसका पक्का निर्माण करवाया गया तथा मंदिर को शिखर शैली का रूप दिया गया।

धार्मिक मान्यता

ऐसी मान्यता है कि संतानहीन यदि सच्चे मन से सिद्धपीठ कुटेटी मंदिर में संतान की कामना करे तो मां उनकी इच्छा अवश्य पूरी करती है। कुटेटी देवी समृद्धि और परिवार में सुख शांति प्रदान करने वाली देवी है इसी लिए इन्हें लक्ष्मी स्वरूप भी माना जाता है।

मंदिर के पुजारी ललित मोहन नौटियाल का कहना है कि कुटेटी देवी में लोगों की बड़ी आस्था है। चैत्र नवरात्र में यहां विशेष पूजा अर्चना होती है। प्रमुख पर्व के दौरान मां कुटेटी के दर्शन मात्र से मानव का कल्याण होता है। वर्ष भर श्रद्धालु अपनी मन्नतों को लेकर मां के दरबार में आते हैं।

मंदिर जीर्णोद्धार समिति पदाधिकारी अजय प्रकाश बढ़ेगा का कहना है कि मां कुटेटी मंदिर में नगर व गांव के ध्याणीयां विवाह के बाद एक बार इस मंदिर में मां का आशीर्वाद लेने आती हैं। साथ ही नगर के लोग नए वाहनों और नये कार्य का शुभारंभ के लिए मां का आशीर्वाद लेने यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने से पहले मां कुटेटी देवी का आशीर्वाद लेने से कार्य सफल हो जाते हैं

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