श्रीनगर गढ़वाल: व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय से विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग 170 शिक्षण संस्थानों को जोरदार झटका लगा है। इस फैसले से कॉलेजों की मनमानी पर भी सख्ती से रोक लगाने के संकेत दिए गए हैं।
दरअसल, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय से अब संबद्ध कॉलेजों में हर विषय में प्रवेश को लेकर अधिकतम 60-60 सीटें ही होंगी। इससे अधिक प्रवेश मान्य नहीं होंगे। जुलाई से शुरू होने वाले आगामी शिक्षासत्र से गढ़वाल विवि से संबद्ध सभी कॉलेजों को इस नियम का पालन करना होगा। विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल द्वारा लिए इस निर्णय के संदर्भ में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एके झा द्वारा सभी संबद्ध शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों और निदेशकों को इस ई मेल द्वारा सूचित भी कर दिया गया है।
पिछले दो-तीन वर्षों में गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबंद्ध कई कॉलेजों में प्रवेश को लेकर सीटों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी भी हो गयी थी। कई कॉलेजों में तो 100 से 200 तक सीटें बढ़ा दी गईं थीं। बीती 22 फरवरी को गढ़वाल विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा विचार के लिए प्रमुख रूप से भी उठा था। प्रवेश के लिए सीटों की संख्या में मनमानी वृद्धि करने से काउंसिल ने स्वीकृति नहीं दी। एकेडमिक काउंसिल ने निर्णय लेते हुए कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने पर 15 जनवरी 2009 को कॉलेजों के लिए सीटों की जो संख्या निर्धारित थी वही संख्या रहेगी।
गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलसचिव डॉ. एके झा ने कहा कि संबद्ध शिक्षण संस्थानों में प्रत्येक विषय में अधिकतम 60-60 सीटों पर ही प्रवेश को लेकर ही गढ़वाल विवि प्रशासन द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है और इस संबंध में सभी संबद्ध कॉलेजों को अवगत करा दिया गया है।