चमोली से सटी सीमा पर चीनी घुसपैठ की चर्चा, बाराहोती क्षेत्र में देखे गए चीन के तीन हेलीकॉप्टर

जोशीमठ, चमोली : डोकलाम विवाद और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तल्ख तेवरों के बीच चमोली से सटी सीमा पर एक बार फिर चीनी घुसपैठ की चर्चा है। बताया जा रहा है कि बीती 10 मार्च को चीन के तीन हेलीकॉप्टर बाराहोती क्षेत्र में देखे गए। बीते दस माह में घुसपैठ का यह दूसरा मामला है। हालांकि प्रशासन ऐसी किसी जानकारी से इन्कार कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार दस मार्च को बाराहोती क्षेत्र में रिमखिम चौकी के निकट चीन के तीन हेलीकॉप्टर घुस आए। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में करीब चार किलोमीटर तक आए और चक्कर लगाने के बाद कुछ ही देर में वापस चले गए। सूत्रों की मानें तो भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है। दूसरी ओर चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी के अनुसार ‘आइटीबीपी ने हमें इस बारे में कोई सूचना नहीं दी है।’ वहीं, चमोली की पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने मामले में कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

बाराहोती क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के मामले कई बार सामने आ चुके हैं। पिछले साल जुलाई में करीब डेढ़ सौ से दो सौ सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे। तब  नियमित गश्त के दौरान उनका सामना नियमित गश्त कर रहे आइटीबीपी के जवानों से हुआ था। इसके बाद चीनी सैनिकों का दल लौट गया। इससे पहले पिछले साल ही जून के दूसरे सप्ताह में क्षेत्र में दो चीनी हेलीकॉप्टर भी देखे गए थे।

बाराहोती में चरवाहों से हो चुका है चीनी सैनिकों का सामना

जोशीमठ से 105 किलोमीटर दूर चमोली में चीन से जुड़ी भारतीय सीमा घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील मानी जाती है। विशेषकर 80 वर्ग किलोमीटर में फैला बाराहोती चारागाह। यहां स्थानीय लोग अपने जानवरों को लेकर आते हैं। यहां आने वाले चरवाहों का कई बार चीनी सैनिकों से सामना हो चुका है। वर्ष 2014 में भी यहां चीन का विमान देखा गया था। इसके बाद जुलाई 2016 में क्षेत्र के निरीक्षण को गई राजस्व टीम से चीनी सैनिकों का सामना हुआ था। सैनिकों ने टीम को लौट जाने का इशारा भी किया। इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी। वर्ष 2015 में चीनी सैनिकों द्वारा चरवाहों के खाद्यान्न को नष्ट करने की घटना भी सामने आई थी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि भारतीय सीमा में चीनी हेलीकॉप्टर देखे जाने के बारे में कोई सूचना नहीं है। जिला प्रशासन अथवा अन्य किसी स्रोत से इस बारे में कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

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