लोकायुक्त व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा में कांग्रेस ने किया जोरदार हंगामा

गैरसैंण, चमोली : लोकायुक्त विधेयक को पारित कर राज्य में लोकायुक्त व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा में कांग्रेस ने जोरदार हंगामा किया। आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रश्नकाल पूरी तरह बाधित रहा। शून्यकाल में भी विपक्ष का हंगामा जारी रही। विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने विभागीय अनुदान मांगें और विनियोग विधेयक समेत चार विधेयक पारित किए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के स्थगित कर दिया।

सोमवार को कांग्रेस ने लोकायुक्त के मसले पर सरकार को घेरने की पूरी रणनीति बनाई हुई थी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी विधायकों ने विधायक निवास से विधानसभा परिसर तक लोकायुक्त लागू करने की मांग को लेकर पैदल मार्च किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने लोकायुक्त लागू करने की मांग को लेकर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग उठाई।

पीठ से सदन की कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध पर कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रवर समित लोकायुक्त विधेयक को पारित कर चुकी है। सरकार इसे क्यों सदन में पेश नहीं कर रही है। सरकार की मंशा लोकायुक्त लागू करने की नहीं है। इसलिए इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में लोकायुक्त विधेयक में बदलाव किए थे। इस तरह का रुख अपनाकर कांग्रेस अपने कार्यकाल पर परदा डालना चाह रही है।

दोनों और से चले आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रकरण को नियम 58 में सुनने का आश्वासन दिया लेकिन विपक्ष इससे सहमत नहीं हुआ। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन दो बार 12:20 बजे तक स्थगित कर दिया। इससे प्रश्नकाल चल ही नहीं पाया। शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस ने फिर से लोकायुक्त पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी रही। इस दौरान 24 याचिकाएं पेश की गई।

विपक्ष की नारेबाजी के बीच सरकार ने 30 विभागों का बजट सदन में पारित कराया। इसके बाद सदन में विनियोग विधेयक, उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक, उत्तराखंड राज्य विधानसभा विविध विधेयक व उत्तराखंड आवास विकास विधेयक पेश कर पारित किया गया। विपक्ष की नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

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