औपचारिकताएं पूरी न होने पर अधर में लटकी 136 गांवों की सड़के

देेहरादून : प्रदेश के सुदूरवर्ती गांवों की सड़क से जुड़ने की हसरत वन कानूनों से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने में हो रहे विलंब के कारण परवान नहीं चढ़ पा रही है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत स्वीकृत 136 ऐसी सड़कें हैं, जिनके वन भूमि हस्तातंरण से संबंधित प्रस्ताव पीएमजीएसवाई (ग्राम्य विकास) के स्तर पर लंबित पड़े हैं। भूमि सर्वेक्षण निदेशालय की ओर से लगातार रिमाइंडर भेजने के बाद भी औपचारिकताएं पूरी करने में कोताही बरती जा रही है। इससे निदेशालय की पेशानी पर भी बल पड़े हैं।

कुमाऊं मंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में 167 और गढ़वाल मंडल में 145 सड़कों के लिए वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित प्रस्ताव पीएमजीएसवाई (ग्राम्य विकास) के जरिये भूमि सर्वेक्षण निदेशालय को भेजे गए। इनमें से 22 को अब तक स्वीकृति मिली है, जबकि 154 को सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त मिल चुकी है। 136 सड़कों के प्रस्ताव संबंधित औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण अधर में लटके हुए हैं। इसके अलावा 61 सड़कों के लिए भूमि हस्तांतरण संबंधी प्रस्ताव अभी तक भेजे ही नहीं गए हैं।

वन सर्वेक्षण निदेशालय की मानें तो 136 सड़कों से संबंधित प्रस्तावों के तमाम बिंदुओं पर पीएमजीएसवाई (ग्राम्य विकास) से जानकारी मांगी गई। बावजूद इसके इसे दुरुस्त कराने में हीलाहवाली की जा रही है, जिस कारण इन सड़कों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति तक नहीं मिल पार्इ, जिससे इनका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। वह भी तब जब निदेशालय स्तर से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करने के लिए यूजर एजेंसी को लगातार रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं।

यह है प्रक्रिया

वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति और फाइनल स्वीकृति मिलने के बाद यूजर एजेंसी कुल वन भूमि की एनपीवी (नेट प्रेजेंट वेल्यू) सीए (क्षतिपूरक वनीकरण) की राशि जमा कराती है। इसके साथ ही म्यूटेशन होने पर निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति भूमि सर्वेक्षण निदेशालय से जारी की जाती है। इससे पहले, यूजर एजेंसी को भूमि के प्रकार, कितने साल के लिए हस्तांतरण, वनाधिकार कानून के तहत ग्राम स्तरीय समिति की अनापत्ति, लाभान्वित होने वाले गांवों की संख्या, जमीन का म्यूटेशन समेत अन्य जानकारियों से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं।
भूमि संरक्षण निदेशालय के नोडल अधिकारी अनूप मलिक का कहना है कि 136 सड़कों से संबंधित प्रस्तावों से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने में कहां दिक्कत आ रही है, इसे लेकर जल्द ही ग्राम्य विकास के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। साथ ही उन्हें दिक्कतें दूर करने के मद्देनजर सलाह भी दी जाएगी। इसके अलावा जिन 61 सड़कों के प्रस्ताव अभी तक भेजे ही नहीं गए हैं, उन्हें भी जल्द भेजने को कहा जाएगा।

सड़कों के जिलेवार लंबित प्रस्ताव

जिला, संख्या
उत्तरकाशी, 17

चंपावत, 16

बागेश्वर, 15

पिथौरागढ़, 15

नैनीताल, 14

चमोली, 13

टिहरी, 12

पौड़ी, 11

अल्मोड़ा, 10

देहरादून, 07

रुद्रप्रयाग, 05

हरिद्वार, 01

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