मुंबई। जम्मू के कठुआ इलाक़े में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या ने पूरे देश को जहां हिलाकर रख दिया है, वहीं इस जघन्य घटना को लेकर हो रही राजनीति ने लोगों को आहत किया है। बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं है। ट्विटर पर इस घटना को लेकर आक्रोश भरी प्रतिक्रियाओं का जैसे सैलाब आ गया है। ख़ासकर महिला सेलेब्रिटीज़ इस घटना से गुस्से में हैं।
सोनम कपूर ने ट्वीट में लिखा है- ”शर्मसार हूं और फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद और धर्मवाद से घिन आती है। यक़ीन नहीं हो रहा कि मेरे देश में ये सब हो रहा है।” ट्विंकल खन्ना ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है- ”मैं इस घटना को सबसे पहले एक मां के नज़रिए से देखती हूं और ये पूरी तरह ह्रदय विदारक है। एक औरत होने के नाते मैं क्रोधित हूं और एक भारतीय होने के नाते मैं शर्मिंदा हूं।”
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के लिए चर्चा में रहीं प्रियंका चोपड़ा ने ट्विटर पर लिखा, ”बेबी आसिफ़ा की तरह कितने और बच्चे राजनीति और धर्म के बीच पिसकर क़ुर्बान होते रहेंगे? हमारे जागने से पहले कितने बच्चे अकल्पनीय अपराधों के शिकार होंगे? मैं शर्मसार हूं। ये त्वरित कार्रवाई का समय है। हम आसिफ़ा और मानवता के कर्ज़दार हैं।” अनुष्का शर्मा लिखती हैं- ”बुराई का क्रूरतम चेहरा अब मासूमों को नुक़सान पहुंचा रहा है। आख़िर दुनिया को हो क्या रहा है? इन लोगों को सबसे कठोर सज़ा मिलनी चाहिए। इंसान होने के नाते हम कहां जा रहे हैं। अंदर तक हिल गयी हूं।”
परिणीति चोपड़ा ने सवाल उठाया है कि आख़िर इंसान दूसरे इंसान के साथ इतनी बुराई कैसे कर सकता है? ऐसे दुष्कर्म रुकते कैसे नहीं। क्या अंतर्आत्मा नहीं बची है। कोई अपराध बोध नहीं। कोई अफ़सोस नहीं। तुम ख़ुद को एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या कैसे करने देते हो। समझ नहीं आता। वहीं, दिया मिर्ज़ा उन्नाव और कुठआ मामलों का उल्लेख करते हुए लिखती हैं- ”मेरा दिल टूट गया है और मैं गुस्से और अपमान से भरी हूं। आसिफ़ा दर्द से गुज़री है और उन अपराधियों के हाथों मारी जा चुकी है, जिन्होंने सामूहिक रूप से हमारी अंतर्मात्मा को भी मार दिया है।” अदिति राव हैदरी लिखती हैं- ”वो लोग हैवान हैं, उन्होंने छोटी सी बच्ची को बेहोश किया, दुष्कर्म किया और मार डाला। वो हैवान हैं, धर्म की आड़ में अपराध को छिपाते हैं।”
सोनाली बेंद्रे ने इस पर हो रही राजनीति को शर्मनाक बताया है। सोनाली न लिखा है- ”हमें शर्मिंदा होना चाहिए कि मानवीय मसलों के बीच राजनैतिक और धार्मिक मुद्दे आ जाते हैं। शर्म आनी चाहिए कि जब इंटरनेशनल मीडिया इस जघन्य अपराध के बारे में बात करती है तो महीनों बाद हमें पता लगता है। शर्म आनी चाहिए कि एक राष्ट्र के तौर पर हम अपनी बेटियों की सुरक्षा नहीं कर सकते।” रवीना टंडन ने ऐसे दुर्दांत अपराधों पर लगाम कसने के लिए विशेष अदालतों, राजनैतिक इच्छाशक्ति, कड़े क़ानून, सख्त पुलिस जांच की आवश्यकता जताई है। रवीना ने ये भी कहा है कि जब तक आरोप साबित ना हो तब तक दोषी मत मानिए, पर एक बार आरोप साबित हो जाए तो बख्शिए मत।
प्रीति ज़िंटा लिखती हैं कि देशभर में बच्चों के साथ दुष्कर्म हो रहा है और वे मारे जा रहे हैं और लगता है कि किसी को कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता। क़ानून व्यवस्था कहां है, भगवान कहां है? आलिया भट्ट ने भी ट्विटर अपना रोष जताते हुए न्याय की मांग की है।