देहरादून: केंद्र सरकार ने देशभर से 16850 आर्थिक रूप से पिछड़े गांवों की सूची जारी की है। इनमें उत्तराखंड के 116 गांव भी शामिल हैं। जिसमें हरिद्वार 54 गांवों के साथ शीर्ष पर है, जबकि ऊधमसिंहनगर 21, नैनीताल 18 गांवों के साथ क्रमश: दूसरे, तीसरे स्थान पर हैं। केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 34 प्रदेशों में किए सर्वे में उत्तराखंड का स्थान 28वां है।
केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से देश के सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों में सर्वे किया गया है। इसमें गांवों में पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधा, परिवार की वार्षिक आय व अन्य मानकों को आधार माना है। पिछड़े गांवों में चिह्नित 16850 गांवों की सूची में उत्तर प्रदेश 3387 की संख्या के साथ पहले स्थान पर है।
जबकि असोम 3042, तमिलनाडु 1477 गांवों के साथ दूसरे, तीसरे पायदान पर है। इनकी तुलना में भले ही उत्तराखंड का 28वां स्थान संतोषजनक लगता हो, लेकिन अगर हिमालयी राज्यों की स्थिति में नजर डालें तो उत्तराखंड की स्थिति अच्छी नहीं है। हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड 116 गांवों के साथ सबसे ऊपर है। विषम परिस्थितियों के बावजूद जम्मू कश्मीर 114 की संख्या के साथ दूसरे, सिक्किम 101 गांवों के साथ तीसरे और हिमाचल प्रदेश 93 की संख्या के साथ चौथे स्थान पर है।
यह हैं चिह्नित गांव
जिला गांवों की संख्या
अल्मोड़ा 3
बागेश्वर 3
चमोली 2
चंपावत 2
देहरादून 2
पौड़ी 2
हरिद्वार 54
नैनीताल 18
पिथौरागढ़ 1
रुद्रप्रयाग 2
टिहरी 4
यूएसनगर 21
उत्तरकाशी 2
ग्राम स्वराज से बदलेगी सूरत
केंद्र सरकार ग्राम स्वराज अभियान के जरिए इन गांवों की सूरत संवारेगी। इन गांवों में पीएम उज्ज्वला, सौभाग्य योजना (ऊर्जा), उजाला (ऊर्जा संरक्षण), पीएम जन-धन योजना, पीएम ज्योति बीमा, पीएम सुरक्षा बीमा योजना का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन कराएगी। इसमें इन गांवों में पेयजल, बिजली, रसोई गैस कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएगी और स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। किसानों को ऋण देकर स्वरोजगार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के अवसर पर उत्तराखंड में इस अभियान का शुभारंभ हो गया। इसमें शहरी विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, पंचायती राज, कृषि विभाग, ऊर्जा, खाद्य पूर्ति विभाग शामिल हैं।
शहरी विकास सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि पूरे देश में पिछड़े गांवों में उत्तराखंड के 116 गांव चिह्नित हुए हैं। इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं व स्वरोजगार के साधन विकसित करने के लिए ग्राम स्वराज अभियान का शुभारंभ हो गया है। इन गांवों में नौ सरकारी योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जाएगा।