सुगम व दुर्गम क्षेत्रों का निर्धारण कर होंगे तबादले

देहरादून: कार्मिक विभाग ने भी शासन स्तर से होने वाले तबादलों के लिए सुगम व दुर्गम का निर्धारण कर दिया है। इसके तहत देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा व टिहरी को सुगम जनपद और पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ को दुर्गम जनपद में चयनित किया गया है। वहीं शासन ने तीन विभागों कर, स्वास्थ्य एवं जलागम से मिले प्रस्तावों पर उनके कार्मिकों के लिए स्थानांतरण अधिनियम के प्रावधानों में छूट भी दी है।

सरकार ने इस वर्ष तबादला एक्ट के मुताबिक तबादले करने के आदेश दिए हैं। इसके आधार पर सुगम व दुर्गम क्षेत्रों का निर्धारण कर तबादले किए जाने हैं। तबादलों को तीन श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। पहली श्रेणी में ऐसे कार्मिक हैं जिनका तबादला ग्राम स्तर से मुख्यालय स्तर तक होता है। दूसरी श्रेणी में ऐसे कार्मिक हैं जिनका तबादला मंडल स्तर पर होता है और तीसरी श्रेणी में वे कार्मिक शामिल हैं जिनके तबादले राज्य स्तर पर होते हैं। इनकी तबादले शासन तथा विभागाध्यक्ष स्तर पर किए जाते हैं।
प्रमुख सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने तीसरी श्रेणी में आने वाले कार्मिकों के लिए सुगम व दुर्गम जनपदों का निर्धारण सुनिश्चित करते हुए संबंधित अधिकारियों को इसके हिसाब से ही तबादले करने के निर्देश दिए हैं।

वहीं, कार्मिक विभाग ने एक अन्य आदेश में वार्षिक तबादला नीति के चलते तबादलों में आ रही दिक्कतों पर राज्य कर विभाग के संवेदनशील कार्य, चिकित्सा विभाग में चिकित्साधिकारियों की कमी और जलागम में योजनाओं में संभावित दिक्कत को देखते हुए इन्हें अधिनियम के प्रावधानों से छूट प्रदान की गई है।

विद्यालयों के कोटीकरण को मांगेंगे और मोहलत
सरकार जहां तबादला एक्ट के मुताबिक निर्धारित समय पर तबादलों पर जोर दे रही है, वहीं शिक्षा महकमे में तबादलों को लेकर देरी के आसार बने हुए हैं। एक्ट के मुताबिक दूसरे चरण में महकमा जिलों में प्रारंभिक और माध्यमिक स्तर पर सरकारी विद्यालयों के सुगम और दुर्गम कोटीकरण का कार्य पूरा नहीं कर पाया है। यह कार्य 15 अप्रैल तक पूरा कर विभागीय वेबसाइट पर डाला जाना चाहिए था। नतीजतन महकमा अब सरकार से कोटीकरण के लिए अवधि बढ़ाने की मांग करने जा रहा है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इसकी पुष्टि की।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने तबादला एक्ट के मुताबिक सभी महकमों को 15 अप्रैल तक सुगम व दुर्गम कार्यस्थलों को चिह्नित कर विभागीय वेबसाइट पर प्रकाशित करने के निर्देश दिए थे। जिलों में प्रारंभिक और माध्यमिक स्तर पर विद्यालयों के कोटीकरण का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। प्रारंभिक स्तर पर आठ जिलों में ही सुगम व दुर्गम कोटीकरण हुआ है। शेष पांच जिलों में यह कार्य जारी है।
वहीं माध्यमिक स्तर पर प्रगति और धीमी है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सोमवार को सचिवालय में विभागीय समीक्षा बैठक में तबादला एक्ट के अनुपालन और कोटीकरण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि कोटीकरण का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ। शिक्षा महकमा अब शासन से कोटीकरण के लिए और मोहलत मांगेगा।

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