केदारनाथ धाम की तैयारियों को दिया जा रहा है अंतिम रूप

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलने हैं और तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार को दल-बल के साथ केदारनाथ पहुंचे डीएम मंगेश घिल्डियाल ने यात्रा मार्गों पर तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही अधिशासी अभियंता एनएच प्रवीन कुमार को निर्देश दिए कि गुप्तकाशी से गौरीकुंड के बीच हाईवे की कटिंग का कार्य रात दस बजे से सुबह छह बजे के बीच ही कराया जाए। ताकि यात्रा शुरू होने पर दिन के वक्त आवाजाही बाधित न हो।

डीएम घिल्डियाल अधिकारियों की टीम के साथ सुबह सात बजे गुप्तकाशी पहुंचे और फिर गौरीकुंड तक हाईवे पर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने दोटूक कहा कि यात्रा मार्ग पर हो रहे कार्य यदि समय सीमा के भीतर पूरे नहीं हुए तो इसके लिए सीधे-सीधे संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।

जिलाधिकारी ने गुप्तकाशी में जीएमवीएन गेस्ट हाउस के सामने लगे पुराने साइन बोर्ड बदलने, सीतापुर बाईपास का कार्य 26 अप्रैल तक पूरा करने, पार्किंग में शौचालय की व्यवस्था करने व गौरीकुंड में गर्म कुंड के पास स्थित भूमि को समतल करने के निर्देश भी दिए हैं।

केदारनाथ मंदिर में बिजली-पानी की सप्लाई शुरू

प्रशासन के साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति केदारनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में शनिवार को मंदिर में बिजली-पानी की आपूर्ति भी सुचारु कर दी गई। व्यवस्थाएं जुटाने के लिए मंदिर समिति की 25 सदस्यीय टीम बीती पांच अप्रैल को केदारनाथ पहुंची थी। समिति के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी ने बताया कि मंदिर समिति ने अपने पावर हाउस से मंदिर व मंदिर समिति की कॉलोनी में विद्युत आपूर्ति बहाल करने के साथ ही पानी की लाइन भी दुरुस्त कर दी है।

मंदिर समिति का पूजा काउंटर तैयार हो चुका है और भोग मंडी का कार्य अंतिम चरण में है। इसके अलावा मंदिर के पूर्वी द्वार पर रेलिंग लगा दी गई है, जबकि दक्षिणी द्वार पर रेलिंग लगाने का कार्य चल रहा है। मंदिर समिति काप्रवचन हाल भी यात्रियों के स्वागत को तैयार है। जमलोकी के अनुसार मंदिर समिति की दूसरी टीम भी शीघ्र केदारनाथ पहुंच जाएगी। दूसरी ओर, प्रशासन भी यात्रा तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। मंदिर के ठीक सामने पठाल (पहाड़ी पत्थर) बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है। आधे से अधिक हिस्से में पठाल बिछ चुकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *