देहरादून: अंतरराष्ट्रीय जिमनास्ट व पंजाब पुलिस में दारोगा के पद पर तैनात मीनाक्षी और दून निवासी राष्ट्रीय फुटबालर निकुंज असवाल परिणय सूत्र बंधन में बंध गए हैं। पटियाला में इस जोड़ी ने गुरुवार को सात फेरे लिए। जिसके बाद शनिवार रात दून में रिसेप्शन दिया गया।
नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोटर्स (एनआइएस) पटियाला के 2014 बैच में इस जोड़ी ने एक साथ एनआइएस किया। वहीं, से दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई और चार साल बाद दोनों परिणय बंधन में बंध गए। पांच साल की उम्र में ही मीनाक्षी को एनआइएस की चीफ कोच कल्पना देबनाथ ने गोद ले लिया था। उसी दिन से उन्होंने मीनाक्षी को जिमनास्टिक्स के लिए तैयार करना शुरू कर दिया।
कल्पना की मेहनत को मीनाक्षी ने भी बेकार नहीं जाने दिया और वे लगातार बेहतर नतीजे देने लगीं। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली मीनाक्षी पंजाब के लिए खेलते हुए लगातार नौ साल तक नेशनल चैंपियन रहीं। साथ ही उन्होंने वर्ष 2011 में आयोजित साउथ सेंट्रल एशियन जिमनास्टिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा वे 2009 लंदन वर्ल्ड चैंपियनशिप, 2010 एशियन गेम्स चीन, 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स नई दिल्ली व 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स मेलबर्न, वर्ष 2006 वर्ल्ड कप दोहा में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
उपलब्धियों के आधार पर वर्ष 2011 में मीनाक्षी को पंजाब सरकार ने खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार महाराणा रणजीत सिंह अवार्ड से सम्मानित किया।
वहीं, निकुंज असवाल वर्ष 2010 में सीनियर संतोष ट्रॉफी खेल चुके हैं और इससे पहले सब-जूनियर इंडिया कैंप में भी जगह बनाने में सफल रहे हैं। हाल में निकुंज साई त्रिवेंद्रम में फुटबाल कोच हैं और उनके छोटे भाई तरुण असवाल भी साई में ही फुटबॉल के कोच हैं। पिता उमेश असवाल भी उत्तर प्रदेश के समय के उम्दा फुटबॉलर रहे हैं, जो सर्वे ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मीनाक्षी ने बताया कि यदि उत्तराखंड सरकार उन्हें अच्छी नौकरी देती हैं तो वे अपनी सेवाएं प्रदेश में देने के लिए तैयार हैं।