प्रदेश की फॉरेंसिक विज्ञान लैब में होंगे महंगे और बड़े टेस्ट

देहरादून: प्रदेश की फॉरेंसिक विज्ञान लैब जल्द आधुनिक रूप लेगी। इसके बाद कई महंगे और बड़े टेस्ट लैब में किए जा सकेंगे। खासकर नार्को यानि पॉलीग्राफ और कंप्यूटर साइंस से जुड़े टेस्ट भी यहां हो सकेंगे। इसके लिए वैज्ञानिकों की भर्ती और उपकरण खरीदने की प्रक्रिया पुलिस मुख्यालय की ओर से शुरू कर दी गई है। दून के पंडितवाड़ी स्थित फॉरेंसिक विज्ञान लैब में अभी तक बिसरा, डीएनए, डॉक्यूमेंट, करेंसी, हैंड राइटिंग, फिजिक्स और कैमिस्ट्री से जुड़े टेस्ट होते थे। मगर, कई बार बड़े अपराध एवं घटनाओं से जुड़ी जांच में पॉलीग्राफ के लाई डिटेक्टर, ब्रेन मैपिंग टेस्ट की जरूरत पुलिस को पड़ती है।

इसके लिए पुलिस हर बार दिल्ली स्थित सीबीआइ लैब का सहारा लेती रही है। इसके अलावा कंप्यूटर साइंस और ऑडियो-वीडियो से जुड़ी जांच के लिए भी दिल्ली, चंडीगढ़, हैदराबाद आदि राज्यों की पुलिस लैब पर निर्भर रहना पड़ता था। जहां से रिपोर्ट आने में समय लगता था।

इसका असर जांच पर पडता था। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने आधुनिक लैब का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। लैब में विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की तैनाती से पहले पुलिस आधुनिकीकरण के तहत उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इसके लिए दो करोड़ से ज्यादा का बजट प्रस्तावित किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन राम सिंह मीणा का कहना है कि उपकरण खरीदने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसी साल से ये टेस्ट शुरू हो जाएंगे।

इसका फायदा राज्य के अलावा पड़ोसी प्रदेशों की पुलिस को मिलेगा। जिलों को मिलेगी फिंगर प्रिंट मशीन पुलिस मुख्यालय आपराधिक मामलों की जांच के लिए 13 जिलों को ऑटोमैटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम से जोड़ेगा। इसके लिए मशीनें जिलों को दी जाएंगी। ताकि अपराध होने के बाद फिंगर प्रिंट को सबूत के तौर पर लिया जा सके। इस डिजिटल मशीन में फिंगर प्रिंट कई दिनों तक सुरक्षित भी रहेंगे। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि एएफआइएस मशीन खरीदने की कार्रवाई चल रही है। यह मशीन अपराध की जांच में महत्वपूर्ण साबित होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *