पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाने चारधाम यात्रा पर पंहुचा 58 वर्षीय दिनेश सिंह कुशवाहा

गोपेश्‍वर, चमोली: ग्वालियर, मध्यप्रदेश निवासी 58 वर्षीय दिनेश सिंह कुशवाहा इन दिनों चार धाम की यात्रा पर हैं। उनकी यह यात्रा अन्य तीर्थ यात्रियों से थोड़ा हट कर है। सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिनेश पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने को पैदल ही चारधाम की संकल्प यात्रा पर निकल पड़े हैं। इन दिनों वह बदरीनाथ धाम में अन्य यात्रियों को पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाते हुए देखे जा सकते हैं।

दिनेश कहते हैं, हम यात्रा के दौरान खाने-पीने की वस्तुओं के खाली रैपर व बोतल इधर-उधर फेंक देते हैं। यही वस्तुएं पर्यावरण को दूषित कर आपदा जैसी घटनाओं की राह आसान बनाती हैं। दिनेश पेशे से लॉन टेनिस कोच हैं। वह ग्वालियर के प्रतिष्ठित खेल व शिक्षा संस्थानों में वे कार्य कर चुके हैं। जून 2013 में आई केदारनाथ आपदा ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था। आपदा के कारणों में पर्यावरणीय असंतुलन की बात सामने आने पर दिनेश को लगा कि उन्हें भी पर्यावरणीय जागरूकता को लेकर अपना योगदान देना चाहिए। लंबे मंथन के बाद इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड के चारधाम में यात्रियों के बीच पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने का निर्णय लिया।

वे रोजाना 30 से 35 किमी पैदल चलते हैं और यात्रियों को तो पर्यावरणीय नुकसान के साथ स्वच्छता के फायदे भी गिनाते हैं। इसके अलावा यात्रा मार्ग से लगी बस्तियों व कस्बों में भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। दिनेश का मानना है कि प्रकृति से छेड़छाड़ कर हम बड़ी आफत को निमंत्रण दे रहे हैं।

दिनेश सिंह की पत्नी रीता एलआइसी में क्लास वन ऑफीसर हैं, जबकि बेटा गौरव सिंह अहमदाबाद स्थित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में असिस्टेंड डायरेक्टर पद पर तैनात है। इसके अलावा बेटी रिया सिंह बीएससी कर रही है। दिनेश बताते हैं, जब मैंने पैदल यात्रा कर लोगों को जागरूक करने के अपने निर्णय की परिवार में चर्चा की तो पत्नी, बेटा, बेटी कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ। लेकिन, आखिरकार मेरी जिद के आगे उन्हें हार माननी पड़ी और मुझे खुशी-खुशी अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *