नई दिल्ली । कर्नाटक में लंबे सियासी उठापटक के बाद अब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। लेकिन अब सवाल ये है कि कुमारस्वामी सरकार का फॉर्मूला क्या होगा? क्या राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को मंत्रिमंडल बंटवारे के लिए भी जेडीएस के साथ समझौता करना पड़ेगा? इन सब सवालों के बीच कांग्रेस का कहना है कि ‘गिव एंड टेक’ का समीकरण बराबर होना चाहिए। इसका सीधा मतलब तो यही निकलता है कि कांग्रेस बराबरी का हिस्सा चाहती है।
दरअसल, कर्नाटक में कैबिनेट गठन पर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आलाकमान निर्णय लेंगे। संवैधानिक सिद्धांतों और लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते हम क्षेत्रीय पार्टी जेडी(एस) का समर्थन करते हैं। सबकुछ ध्यान में रखते हुए ‘गिव एंड टेक’ का समीकरण बराबर होना चाहिए।’
शनिवार देर रात कांग्रेस और जेडीएस के बीच सरकार बनाने को लेकर बैठक हुई है। दोनों दलों के बीच तमाम मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। कहा जा रहा है कि कुमारस्वामी मुख्यमंत्री के अलावा वित्त मंत्रालय भी सभाल सकते हैं। वहीं कांग्रेस के जी परमेश्वर को उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बाकी मंत्रालयों पर नाम तय करने के लिए कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं के बीच आज भी बैठक हो सकती है।
23 मई को शपथ ग्रहण
शनिवार को बहुमत परीक्षण से पहले येद्दयुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद अब राज्य में जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने जा रही है। इस गठबंधन को राज्यपाल वजुभाई वाला ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। 23 मई यानी बुधवार को जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पहले सोमवार को शपथ लेने की बात कही जा रही थी, लेकिन बाद में इसमें परिवर्तन कर दिया गया। इस शपथ समारोह में टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव, प.बंगाल की सीएम नेता ममता बनर्जी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य दिग्गज नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।