रुद्रप्रयाग: बरसात की दस्तक के साथ ही केदारघाटी के आपदा पीडतों की मुसीबतें भी बढ़ने लगी हैं। बारिश व ग्लेशियरों के पिघलने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे विजयनगर में बने अस्थायी पुल पर आवाजाही बंद हो गई है। ऐसे में लोगों के पास नदी पार करने का एकमात्र जरिया वहां मौजूद ट्रॉली ही रह गई है। आपदा में बहे झूला पुल का पांच वर्ष बाद भी निर्माण नहीं हो पाया, जिससे लोग ट्रॉली पर झूलने को मजबूर हैं।
विजयनगर में मंदाकिनी नदी पर बना झूला पुल जून 2013 की केदारनाथ आपदा में बह गया था। उसके स्थान पर नए पुल का निर्माण कार्य तो शुरू हुआ, लेकिन शासन से धनराशि स्वीकृत न होने के कारण मामला आगे नहीं बढ़ा। वर्ष 2014 में देशभर के सांसदों ने अपनी निधि से केदारघाटी में बहे नौ पैदल पुलों के निर्माण को 20.80 करोड़ की धनराशि दी थी। इससे पांच पुलों का तो निर्माण हो गया, लेकिन शेष चार पुलों का कार्य अधूरा ही छूट गया। इसके बाद निर्माण एजेंसी लोनिवि ने पुल के शेष कार्य का आगणन तैयार कर शासन को भेजा। लेकिन, बजट का मामला लगातार लटकता ही रहा। हालांकि, अब शासन ने पुल के लिए एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है, लेकिन इस बरसात में पुल तैयार हो पाएगा, ऐसी उम्मीद दूर-दूर तक नहीं है। अभी तो पुल के पिल्लरों का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है।