ऋषिकेश: पर्वतीय क्षेत्र में होने वाली दुर्घटना में घायलों को जीवन देने में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की भूमिका महत्वपूर्ण हो चली है। मुख्यमंत्री 108 सेवा को हेली सेवा से जोड़ने पर सहमत हैं। एम्स प्रशासन ने इस पर काम शुरू कर दिया है। यहां हेलीपैड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। जब तक एम्स कि अपनी हेली सेवा नहीं होती तब तक एयर एंबुलेंस का संचालन सरकार और आउट सोर्स के जरिए किया जाएगा।
पर्वतीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत किसी से छिपी नहीं है। इन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं में मृत्यु दर कम करने के लिए एयर एंबुलेंस सेवा कारगर साबित हो रही है। हाल ही में धूमाकोट के समीप बस दुर्घटना के घायलों को हेलो रेस्क्यू के जरिए एम्स ऋषिकेश और अन्य चिकित्सालय में भेजा गया था। एम्स के भीतर हेलीपैड नहीं है। जिस कारण आइडीपीएल मैदान में हेलिकॉप्टर उतारना पड़ा था।
एयर एंबुलेंस के जरिए घायलों और गंभीर रोगियों को एम्स तक पहुंचाने के लिए यहां हेलीपैड की जरूरत पिछले लंबे समय से महसूस की जा रही थी। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत एम्स में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान हादसों को देखते हुए एयर एंबुलेंस सेवा को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सरकार 108 सेवा को हेली एंबुलेंस सेवा से जोड़ने जा रही है।
मुख्यमंत्री की इस बात से एम्स प्रशासन द्वारा यहां हेलीपैड बनाए जाने की योजना को बल मिला है। हालांकि कुछ दिन पूर्व एम्स ऋषिकेश प्रशासन ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। ट्रामा सेंटर के समीप हेलीपैड बनाने के लिए स्थान का चयन हुआ है। इस स्थान पर हेलीपैड के लिए एक्सपर्ट की टीम दो बार यहां का मुआयना कर चुकी है। एम्स में शीघ्र ही हेलीपैड वजूद में आ जाएगा। जिसके बाद दुर्घटना में घायलों और गंभीर रुप से बीमार लोगों को यहां तक पहुंचाने में आईडीपीएल में हेलीकॉप्टर उतारने की मजबूरी समाप्त हो जाएगी।
वर्तमान में एम्स के पास अपना हेलीकॉप्टर नहीं है। इसलिए एम्स के द्वारा सरकार और आउट सोर्स के जरिए एयर एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जाएगा। जिसका एम्स प्रशासन द्वारा प्रारूप तैयार कर लिया गया है। यहां एयर एंबुलेंस सेवा शुरू हो जाने के बाद पर्वतीय क्षेत्र में हादसों में घायलों को तत्काल और उच्च स्तरीय चिकित्सा मुहैया होगी। इतना ही नहीं एम्स से यदि चिकित्सक दल को घटनास्थल पर भेजना पड़े तो यह काम भी आसान हो जाएगा।
एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत का कहना है कि एम्स ऋषिकेश को एयर एंबुलेंस सेवा से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है। हेलीपैड के लिए स्थान का चयन हो गया है। शीघ्र ही यहां हेलीपैड तैयार हो जाएगा। फिलहाल एयर एंबुलेंस का संचालन सरकार और आउट सोर्स के जरिए होगा। जिसका प्रारूप तैयार हो रहा है।