रुद्रप्रयाग: जिले के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इसकी बानगी जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग में अधिकारियों के रिक्त पदों से ही लगाया जा सकता है। वर्तमान में जिले में कोई स्थायी अधिकारी न होने से खाद्य पदार्थो की नियमित चेकिंग नहीं हो पा रही है।
जिले का गठन हुए 20 वर्षों का समय बीतने के बावजूद भी जिले में अधिकारियों की कमी सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जिले के अधिकांश विभागों में स्थायी अधिकारी न होने से प्रभारी अधिकारियों के भरोसे ही संचालित हो रहे हैं। पिछले तीन वर्षो से जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग प्रभारी अधिकारियों के भरोसे ही संचालित हो रहा है।
पौड़ी जिले के अभिहीत अधिकारी के एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को यहां का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। यह प्रभारी अधिकारी मात्र त्यौहार सीजन एवं वीआइपी ड्यूटी में जिले में निरीक्षण पर पहुंचते हैं। ऐसे में जिले में खाद्य सामग्री की नियमित जांचे न होने से आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। खाद्य विक्रेता एक्सपायरी सामान बेचने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। त्यौहरी सीजन में यह समस्या और बढ़ जाती है।
पूर्व में मात्र जिले में एक अभिहीत अधिकारी ही तैनात थे, जबकि अन्य पद रिक्त थे। विभाग में अभिहीत अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के पद रिक्त होने से रुद्रप्रयाग शहर के साथ ही तिलवाडा, अगस्त्यमुनि, जखोली, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, फाटा, मयाली, गौरीकुंड समेत कई बडे़ कस्बों में नियमित छापेमारी की कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
जिले की अधिकारी और कर्मचारियों की स्थिति
-अभिहीत अधिकारी, एक पद,
रिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी, चार पद,
रिक्त कंप्यूटर ऑपरेटर, एक पद
रिक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, एक पद
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ओपी आर्य ने बताया कि रिक्त जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को लेकर समय-समय पर शासन से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक अधिकारी नहीं मिले हैं। वर्तमान में पौड़ी के अभिहीत अधिकारी के पास जिले के अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।