नई दिल्ली। असम से उठा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मुद्दा मंगलवार को संसद में पहुंच गया। इस मुद्दे पर विपक्ष ने तो सरकार को घेरा ही, भाजपा भी आक्रामक रूप में दिखी। एनआरसी को लेकर मंगलवार को संसद परिसर में भी माहौल गर्म दिखा। दरअसल, संसद के बाहर इस मुद्दे पर भाजपा के मंत्री अश्विनी चौबे और कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य भिड़ गए।
एनआरसी में अवैध हैं 40 लाख लोग
बता दें कि सोमवार को असम में एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट जारी किया गया है। असम देश का पहला राज्य है जहां एनआरसी जारी किया गया है। इसमें पूर्वोत्तर राज्य के कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं और करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं।
यूं हुई तीखी बहस
मीडिया से चर्चा करते हुए दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मैं बंगाल का आदमी हूं, लगातार असम जाता रहता हूं। आप लोग उनके बारे में गलत बात कर रहे हैं। इस पर मोदी सरकार में मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मैं भी बिहार से हूं मुझे वहां के हालात पता हैं। आप कौन होते हैं, ये बोलने वाले। जिस पर भट्टाचार्य ने खुद को सांसद बताते हुए कहा कि सांसद हैं और इसलिए बोलने का हक है। अश्विनी चौबे ने कहा कि जो भारतीय है और इस देश के नागरिक है, वही इस देश में रहेगा। जो बांग्लादेशी है वह इस देश में बिल्कुल नहीं रहेगा। दोनों नेताओं में हुई गर्मा-गर्म बहस के बीच सदन के बाहर मीडियाकर्मियों और अन्य लोगों की भीड़ जमा हो गई।
भाजपा अध्यक्ष का आरोप
मंगलवार को राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह इस मुद्दे पर बोले वैसे ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। शाह ने आरोप लगाया कि ये पहले ही लागू होना चाहिए था, लेकिन आपमें ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी।