देहरादून: मानसून की बारिश राज्य के पहाड़ी इलाकों में भारी पड़ रही है। भूस्खलन से प्रदेश की 142 सड़कें अवरुद्ध हैं। वहीं, चारधाम यात्रा मार्गों के खुलने और बंद होने का सिलसिला जारी है। गुरुवार की सुबह मौसम कुछ राहत देने वाला रहा और गढ़वाल व कुमाऊं में अधिकांश स्थानों पर बारिश थमी रही। इसके बावजूद अभी मुसीबत कम होने का आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अभी अगले तीन दिनों तक कई इलाकों में भारी बारिश होगी।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दावा है कि अवरुद्ध सड़कों को खोलने का कार्य बड़े पैमाने पर जारी है। लेकिन, बीच-बीच में बारिश होने से दोबारा मलबा आ रहा है। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन दिनों तक प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विज्ञान केंद्र की चेतावनी का संज्ञान लेते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट जारी किया गया है। ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले एक सप्ताह से अवरुद्ध है। ओजरी-डाबरकोट के बीच पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने से मार्ग बंद है। ऐसे में यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्री त्रिखला-कुपड़ा पैदल मार्ग का उपयोग कर रहे हैं।
वहीं, बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास बार-बार भूस्खलन से बंद हो रहा है। गंगोत्री हाईवे धरासू और नालूपानी के पास पांच घंटे के बाद खोल दिया गया। इसके बावजूद धराली में खैरगाड (बरसाती नाला) के उफान पर आने से सड़क पर मलबा आ गया। इससे गंगोत्री हाईवे बंद हो गया। वहीं, बड़ेती के पास भी गंगोत्री हाईवे पर मलबा आ गया।
कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान नवें दल के 52 यात्रियों को कालापानी और 10वें दल के 25 यात्रियों को तकलाकोट में रोका गया है। शेष यात्रियों को गुंजी से पिथौरागढ़ हेली सेवा से भेजा गया।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार तहसील ऋषिकेश के गौहरीमाफी गांव के प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न आपूर्ति कर दी गई है। बताया कि प्रशासन की टीम बारिश से घरों को हुई क्षति का आकलन कर रही है।