ऋषिकेश: मालदेवता क्षेत्र के ग्वाड पहाड़ी पर भारी भूस्खलन से तिमलीसैंण के 50 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। भूस्खलन का मलबा लोहारनदी में जमा होने से यहां झील बन गई है। इससे रायपुर तक के इलाके पर खतरा मंडरा रहा है। झील टूटी तो छह गांव सीधे खतरे के निशान पर आ जाएंगे। भूस्खलन की चपेट में आए परिवारों ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है।
दरअसल, सौंग नदी की बाढ़ से ऋषिकेश तहसील के गौहरी माफी क्षेत्र में पिछले तीन सप्ताह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। यहां गांव के बीचो-बीच सौंग नदी की जलधारा प्रवाहित हो रही है, जिससे सैकड़ों ग्रामीण प्रभावित हैं। कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि बड़ी मात्रा में कृषि भूमि बह गई है। क्षेत्र इस मुसीबत से उबर भी नहीं पाया कि एक नई मुसीबत ने फिर से गौहरी माफी के ग्रामीणों की समस्या बढ़ा दी है। अगर थत्यूड़ के पास नदी में बनी झील टूटती है तो सौंग नदी में फिर से जल प्रलय आ सकती है। अधिकारी भी मान रहे हैं कि यह एक बड़ी मुसीबत बन गई है।
जिलाधिकारी टिहरी सोनिका ने बताया कि संबंधित मामले को लेकर प्रशासन गंभीर है। उन्होंने बताया कि मौके पर उप जिलाधिकारी व सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद हैं। यहां बनी झील से किसी तरह जल निकासी का प्रबंध किया जा रहा है।