बहादराबाद: हरिद्वार में तैनात एक महिला दारोगा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से दो अलग-अलग सुसाइड नोट मिले हैं। खुदकुशी के पीछे प्रथम दृष्टया निजी कारण सामने आ रहे हैं।
मूलरूप से देहरादून के सहसपुर निवासी आंचल फरासी वर्ष 2015 में बतौर उपनिरीक्षक उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा बनी थी।
साल भर से जिला हरिद्वार में तैनात उपनिरीक्षक आंचल फ़रासी ने बहादराबाद पुराने थाने के पास किराए पर कमरा लिया हुआ था। बुधवार को थाने में ध्वजारोहण कार्यक्रम में न पहुंचने पर दो पुलिसकर्मी आंचल के कमरे पर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांकने पर आंचल का शव लटका देख पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए।
सूचना पर एसएसपी कृष्ण कुमार वीके, एसपी सिटी ममता वोहरा, सीओ कनखल मनोज कत्याल समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव की नीचे उतरवाया। कमरे से दो सुसाइड नोट बरामद हुए। जिनमे एक सुसाइड नोट परिजनों के लिए छोड़ा गया था। उसे पुलिस ने खोले बगैर परिजनों के लिए सुरक्षित रख लिया। दूसरे सुसाइड नोट में खुदकुशी के लिए खुद को ही जिम्मेदार ठहराया गया था।
पुलिस ने परिजनों को सूचना देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। हालांकि, अधिकारी जांच के बाद किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कह रहे हैं। मगर प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा कि आत्महत्या के पीछे निजी कारण रहे हैं। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि आंचल पुत्री रमेश चंद्र निवासी सहसपुर 2017 बैच की उपनिरीक्षक थी। वर्ष 2017 में आंचल की हरिद्वार जिले में आमद हुई थी।
परिजनों का सुसाइड नोट खोलेगा राज
तीन साल पहले दारोगा बनी आंचल ने खुदकुशी जैसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इस राज़ से पर्दा परिजनों के लिए छोड़ा गया सुसाइड नोट उठा सकता है। हालांकि परिजन बुधवार दोपहर हरिद्वार पहुंच गए हैं। मगर उनके सुसाइड नोट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। वहीं सूत्र प्रेम सम्बन्धों की तरफ भी इशारा कर रहे हैं। एसएसपी ने बताया कि परिजनों से जानकारी लेकर ही इस बारे कुछ कहा जा सकता है।