उत्तराखंड में पर्यावरणीय बंदिशों के चलते बंद की गईं 24 जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण दोबारा शुरू होना मुमकिन नहीं है। राज्य हित से जुड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के मामले को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखा जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को नई दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर राज्य की लंबित जलविद्युत परियोजनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की पैरवी की।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्री नितिन गडकरी के साथ लंबित जलविद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित बैठक में राज्य का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में जलविद्युत उत्पादन क्षमता 25 हजार मेगावाट है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण व सतत विकास के लिहाज से लगभग 17 हजार मेगावाट विद्युत क्षमता का आकलन किया गया है। वर्तमान में सिर्फ चार हजार मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो सका है। राज्य में बिजली की मांग सालाना करीब 13 हजार मिलियन यूनिट है। इसमें हर वर्ष पांच से आठ फीसद की दर से वृद्धि हो रही है। इस मांग का 35 फीसद यूजेवीएनएल पूरा करता है। 40 फीसद केंद्रीय पूल और शेष 25 फीसद निजी स्रोतों से खरीदी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अलकनंदा और भागीरथी नदी घाटी में 70 जलविद्युत परियोजनाओं में 19 ही परिचालित हैं। पर्यावरणीय कारणों और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते करीब 4000 मेगावाट की 33 जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण कार्य बाधित हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में 10 जलविद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की संस्तुति की गई। इन पर केंद्र सरकार ने भी सहमति दी है। समिति ने 24 परियोजनाओं की 2676 मेगावाट क्षमता का क्रियान्वयन न किए जाने की संस्तुति की है।
इसमें करीब 27 हजार करोड़ निवेश की संभावना थी। इन परियोजनाओं पर 1540 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा चुकी है। इसके साथ ही विष्णुगाड पीपलकोटी 444 मेगावाट, फाटा भ्यूंग 76 मेगावाट, सिंगोली भटवाड़ी 99 मेगावाट की कुल 619 मेगावाट की योजनाओं पर कुल 7294 करोड़ रुपये के सापेक्ष 3700 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 80 फीसद धनराशि खर्च होने के बाद इन पर रोक लगाना राज्य हित में नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि भागीरथी व गंगा बेसिन से इतर नदियों में लंबित जलविद्युत परियोजनाओं को शुरू करना राज्य हित में बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ उनकी वार्ता सकारात्मक रही है। केंद्रीय मंत्री ने राज्य हित से जुड़ी परियोजनाओं के संबंध में आवश्यक कार्यवाही और इस मामले को प्रधानमंत्री के समक्ष रखने का भरोसा दिया।