हिसार। चार महिलाओं आैर एक बच्चे की हत्या के मामले में उम्रकैद पाए सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल और अन्य 14 दोषियों को अपनी अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा। सजा सुनाए जाने के बाद जज ने कहा, ‘देश स्वयंभू देवताओं से भरा पड़ा है। जो स्वयं को पहले धर्म गुरु बताते हैं, बाद में अपने आप को भगवान घोषित कर देते हैं। प्रक्रिया के अंत में लंबा चौड़ा साम्राज्य स्थापित करते हैं और धन एकत्रित कर लेते हैं। उसके बाद पता चलता है कि इन्होंने महिलाओं और बच्चों का व्यापक स्तर पर शोषण कर रखा है। इस दौर में हर बुराई के पीछे इन स्वयंभू भगवानों की ही चर्चा की खबरें रहती हैं।’जज बोले, देश स्वयंभू देवताओं से भरा, इनका काम सिर्फ धन एकत्रित करनाअतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देसराज चालिया ने रामपाल सहित 15 दोषियों को उम्रकैद सुनाने के साथ ही यह गंभीर टिप्पणी कर बड़ा सवाल उठाया। हर दोषी पर अलग-अलग दो लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जज इस मामले में 165 पेजों का फैसला सुनाया है। रामपाल के खिलाफ सेंट्रल जेल-1 में बनाई गई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देसराज चालिया की विशेष अदालत ने सजा सुनाई गई। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट लिखा है कि दाेषियों काे सजा में किसी प्रकार की सरकार से भी रहम नहीं मिलेगी। दोषियों की सजा सरकार भी माफ नहीं कर पाएगी।अदालत की तरफ से आए फैसले में जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मासूम लोगों को ऐसे स्वयं घोषित भगवान बहला रहे हैं। पेशे से इंजीनियर रामपाल ने लक्जरी कारों का काफिला और 12 एकड़ क्षेत्र में आश्रम खड़ा कर लिया। टिप्पणी में यह भी बताया कि रामपाल का स्वामी दयानंद सरस्वमी के आर्य समाज समर्थकों के साथ झज्जर में पहला विवाद हुआ था। कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि रामपाल सहित अन्य लोगों को उमकैद उनकी मौत तक काटनी होगी।बरवाला थाना पुलिस ने 19 नवंबर 2014 को हत्या के दो मुकदमे दर्ज किए थे। अभियोग के अनुसार बरवाला के सतलोक आश्रम के गेट के आगे 18 नवंबर 2014 को रामपाल के अनुयायियों और पुलिसकर्मियों के बीच टकराव हो गया था। रामपाल ने महिला अनुयायियों और बच्चों को ढाल बनाकर गेट के आगे बैठा दिया था, ताकि पुलिस कार्रवाई न कर सके। पुलिस ने आश्रम को घेर लिया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इसके आद 19 नवंबर को रामपाल को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी।इसके बाद पुलिस ने आश्रम में पांच महिलाओं और एक बच्चे का शव बरामद किया था। इसके बाद हत्या के मामले दो मामले एफअाइअार नंबर 429 और एफआइआर नंबर 430 दर्ज किए गए थे। दोनों मामले में अदालत ने 11 अक्टूबर को एफअाइअार नंबर 429 में रामपाल सहित 15 आरोपितों और एफअाइअार नंबर 430 में रामपाल सहित 14 आरोपितों को दोषी ठहराया। छह आरोपितों को दोनों मामलों में दोषी करार दिया गया था।मंगलवार को एफअाइअार नंबर 429 मामले में सजा सुनाई गई। पुलिस ने आश्रम के अंदर से पंजाब के संगरूर की मलकीत कौर, राजबाला, संतोष, डेढ़ साल का बच्चा आदर्श और दिल्ली के बदरपुर की सरिता के शव बरामद किए थे। पुलिस ने सरिता के पति शिवपाल की शिकायत पर हत्या का यह केस दर्ज किया था।