देहरादून: निकाय चुनाव की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाने के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के प्रयोग के सिलसिले में सियासी दलों और प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें साफ किया गया है कि चुनाव के दौरान यदि सोशल मीडिया पर किसी ने भी दुष्प्रचार किया तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। बदली परिस्थितियों में सोशल मीडिया कम खर्च पर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का जरिया है, लेकिन इसका दुरुपयोग भी होने लगा है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान के अनुभवों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निकाय चुनाव में सोशल मीडिया पर नजर रखने की ठानी है। इसी कड़ी में आयोग ने बुधवार को गाइडलाइन जारी कर दी। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट की ओर से सभी जिलाधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह गाइडलाइन भेज दी गई है।इसमें साफ किया गया है कि चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिक दल और प्रत्याशी सोशल मीडिया के जरिये ऐसे कोई संदेश प्रचारित-प्रसारित नहीं करेंगे, जो किसी की धार्मिक, जातीय भावनाओं और सामाजिक सौहार्द पर प्रभाव डालते हों। गाइडलाइन के अनुसार सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की प्रचार-प्रसार सामग्री जारी करने से पहले जिला निर्वाचन अधिकारी से प्रमाणीकरण कराना आवश्यक होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और आइटी एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।