देहरादून: छात्रा की खुदकुशी के मामले में प्रेमनगर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने वैन चालक के मोबाइल को भी बरामद कर लिया है, जिससे वह छात्रा की फेसबुक आइडी चलाता था और उससे बातें भी करता था। पुलिस मोबाइल की सीडीआर के साथ डिलीट किया डाटा भी रिकवर करा रही है। आरोपित मूलत: बदायूं का रहने वाला है, लेकिन पिछले चालीस साल से परिवार दून में ही रह रहा है।
बता दें कि नवीं में पढ़ने वाली छात्रा (14 वर्ष) 10 अक्टूबर को ट्यूशन क्लास को गई तो वहां उसे उल्टियां होने लगीं। उसे अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सकों ने बताया कि उसने विषाक्त पदार्थ खा लिया है। 12 अक्टूबर को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस को छात्रा के कमरे की तलाशी के दौरान एक डायरी मिली। इसमें उसने स्कूल वैन चालक अमन श्रीवास्तव पुत्र मुकेश कुमार निवासी श्यामपुर, प्रेमनगर पर फेसबुक पर आपत्तिजनक फोटो अपलोड करने और ब्लैकमेल करने की बात लिखी थी। उसने इसी को खुदकुशी का कारण भी बताया था।
पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर अमन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। एसओ प्रेमनगर दिलबर सिंह नेगी ने बताया कि गुरुवार को अमन को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। लड़की के पिता फौज में हैं और परिवार मूलरूप से पौड़ी का रहने वाला है।
छात्रा को ले गया था मसूरी
पुलिस ने छात्रा के दोस्तों और परिजनों से घटना के बाबत लंबी पूछताछ की। पता चला कि कुछ दिन पहले अमन छात्रा को मसूरी भी ले गया था। इस टूर की फोटो उसने छात्रा के पिता को भी भेज दी थी। अमन फेसबुक अकाउंट, वाट्सएप अकाउंट की जानकारी कर उसके सोशल मीडिया अकाउंट का बैकअप डाटा रिकवर किया जा रहा है।
स्कूली वाहनों पर कार्रवाई को डीजीपी को पत्र
स्कूल वैन चालक से परेशान होकर छात्रा के खुदकुशी करने की घटना के बाद उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूली वाहनों पर नियंत्रण को लेकर पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी को पत्र लिखा है। आयोग ने कहा है कि उच्च न्यायालय व आयोग के आदेशों की लगातार अनदेखी हो रही है। वाहनों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को पुलिस को कड़े कदम उठाने चाहिए।
आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि स्कूली वाहनों में ओवरलोडिंग, ड्राइवर-कंडक्टर का सत्यापन न होना, ओवर स्पीड समेत अनेकों वजहों से बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है। पुलिस की ओर से स्कूल वैन ड्राइवर-कंडक्टरोंके सत्यापन नहीं किए जाते हैं। यही वजह है कि आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़ा कोई भी व्यक्ति आसानी वैन चला रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया कि वाहनों में सीसीटीवी कैमरे लगे हों। वैन ड्राइवर-कंडक्टर का पुलिस से सत्यापन कराया जाए। पुलिस ड्राइवर-कंडक्टर की पृष्ठभूमि की भी जांच की जाए।
प्रेमनगर की घटना के बाद अब स्कूलों पर सख्ती
प्रेमनगर में स्कूल वैन चालक की हरकतों के चलते छात्रा द्वारा आत्महत्या के मामले में शिक्षा विभाग ने भी जांच कराई है। प्रकरण की स्थलीय जांच में पाया गया कि छात्रा वर्तमान में दून प्रेसीडेंसी स्कूल में कक्षा 9 में अध्ययनरत थी, विगत वर्ष कक्षा 8 की पढ़ाई छात्रा द्वारा दून वैली इंटरनेशनल स्कूल ठाकुरपुर में की गई।
सीईओ एसबी जोशी ने बताया कि आरोपित वैन चालक निजी वाहन चलाता था। लेकिन वह किसी स्कूल की वैन नहीं चलाया था और न ही उसकी वैन को स्कूल की ओर से अधिकृत किया गया था। जोशी ने बताया कि वाहन चालक को संदिग्ध पाए जाने पर उक्त क्षेत्र के स्कूलों के प्रधानाचार्य, प्रबंधक, अध्यक्षों व स्कूल संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वह उक्त व्यक्ति की वैन, जीप या किसी भी गाड़ी का प्रयोग स्कूल वाहन के रूप में प्रतिबंधित करें। साथ ही सूचना पट्ट अथवा गेट पर उक्त वाहन का नंबर प्रदर्शित करें। ऐसा न होने पर स्कूल के प्रति भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सिटी बस और विक्रम की ताबड़तोड़ चेकिंग
स्कूल वैन चालक के उत्पीड़न की शिकार छात्रा के खुदकुशी करने के बाद पुलिस ने गुरुवार को शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की ताबड़तोड़ चेकिंग की। इस दौरान पुलिस ने सवारियों और बच्चों को जागरूक किया और कहा कि किसी भी तरह की उत्पीड़न की घटना होने पर चुप न रहें, बल्कि तत्काल पुलिस को अवगत कराएं। जिससे मामले को गंभीर होने से रोका जा सके।
पुलिस महकमा भी स्कूली बच्चों से लेकर रोजाना निजी परिवहन सेवाओं में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक्शन मोड में आ गया। एसएसपी निवेदिता कुकरेती के निर्देश पर शहर के सभी थाना क्षेत्रों में ताबड़तोड़ चेकिंग की गई।
इस दौरान महिलाओं और युवतियों को छेड़छाड़, धक्का-मुक्की, फब्तियां कसे जाने जैसी घटनाओं की तत्काल पुलिस को सूचना देने को कहा गया। पुलिस टीमों ने इस दौरान थाने से लेकर महिला हेल्पलाइन 1090 तक के नंबर भी साझा किए गए। वहीं, चालकों व परिचालकों को निर्देशित किया कि यदि उनके संज्ञान में इस तरह की घटना आती है तो उनकी भी जिम्मेदारी है कि वह पुलिस को सूचित करें।
ऐसा करने से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। पुलिस ने इस दौरान अनावश्यक रूप से घूम रहे युवकों का सत्यापन भी किया। पुलिस ने स्कूल वैन में सवार बच्चों से भी सफर में हो रही दिक्कतों के बारे में जानकारी ली।