उत्तराखंड सरकार की बर्खास्तगी की मांग के साथ ही अगला मुख्यमंत्री कौन हो? इसके लिए भी मंथन शुरू हो गया है। यह तय है कि मुख्यमंत्री का नाम बागी कांग्रेसियों से मंत्रणा के बाद ही तय होगा। वैसे बागी कांग्रेसी भाजपा के एक वर्तमान सांसद को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं देखना चाहते है। यह सांसद प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
कांग्रेस के बागी विधायकों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनमे से कोई भी न ही मुख्यमंत्री की दौड़ में होगा और न ही मंत्री पद की दौड़ में। उनका एक मात्र उद्देश्य हरीश रावत को सत्ता से बेदखल करना है।
अगला मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए, इस बारे मे कांग्रेस विधायकों का स्पष्ट मत है कि भाजपा विधायको की संख्या अधिक है, इसलिए मुख्यमंत्री भाजपा का ही होना चाहिए। इतना तय है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इसमे उन लोगों की राय महत्वपूर्ण होगी।
कांग्रेस विधायकों ने इतना जरूर अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि देहरादून के नजदीकी भाजपा सांसद, जो पहले मुख्यमंत्री भी रह चुके है, उन्हे वे लोग स्वीकार नहीं करेंगे। उनकी छवि बेहतर नहीं है। सत्ता परिवर्तन के साथ ही व्यवस्था परिवर्तन के लिए बेहतर मुख्यमंत्री का चुनाव होना चाहिए।
बागी कांग्रेसियों के इशारे से यह लग रहा है कि भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री की लॉटरी लग सकती है। ये सांसद साफ छवि वाले भी हैं। वैसे कांग्रेसी यह भी चाहते हैं कि एक भाजपा सांसद को छोड़कर कोई भी मुख्यमंत्री का नाम चल सकता है। केवल छवि साफ-सुथरी होनी चाहिए।