देहरादून। उत्तराखंड राजनैतिक संकट में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। आज शाम अचानक मुख्यमंत्री हरीश रावत गोपनीय तरीके से विधान सभा पहुंचे। यहां सीएम और उनके समर्थकों ने बागी विधायक हरक सिंह रावत के दफ्तर से स्टाफ को बाहर निकाला। साथ ही वहां रखी फाइलों को खंगाला। इसके बाद दफ्तर को सील कर चाबी मुख्यमंत्री हरीश रावत के सुपुर्द कर दी गई। उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की। इस दौरान उनके साथ संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश भी थी। सरकार विधायकों को बहुमत तक एकांतवास दे रही है ताकि और डैमेज की आशंका टाली जा सके। सरकार प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर सरकार गिराने के लिए हार्स ट्रेडिंग का आरोप भी लगा रही है। यही कारण है कि कुछ कांग्रेसी विधायकों के साथ ही सरकार के सहयोगी दल प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के विधायकों को भूमिगत कराया जा रहा है, पीडीएफ के यूकेडी विधायक प्रीतम पंवार रामनगर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पहले दिन से ही सरकार के साथ हैं। सरकार को कोई खतरा नहीं है। सभी विधायकों को एक होटल में रखा गया है। होटल को छावनी में बदल दिया गया है।