देहरादून। होली के दिन दिल मिल जाते हैं, दुश्मन भी गले लग जाते हैं। यह फिल्मी गाना वर्षों से होली के दिन महफिलों की शान रहा है, मगर इस बार प्रदेश में सत्ता को लेकर चल रही सियासी उठापटक में यह गीत बेमानी सा हो गया है। हालात ऐसे बन पड़े हैं कि अपने यहां दुश्मन तो दूर अपने ही होली में अधिकांश विधायकों के परिजन व समर्थक एक दूसरे के भी गले नहीं लग पाएंगे। कारण यह कि कांग्रेस के बागी व भाजपा विधायक दिल्ली में तो कांग्रेस विधायक रामनगर में डेरा जमाए हैं। सरकार की ओर से उठाए गए सख्त कदमों के कारण पहले की कई विधायकों के लिए गुझिया का स्वाद कड़वा तो गुलाल बेरंग हो गया है। होली ऐसा त्योहार है जो पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। प्रदेश में कई ऐसे मंत्री व विधायक हैं जिनके यहां सजने वाली महफिलें चर्चा में रहती हैं। इस वर्ष सियासी उठापठक के कारण होली इन जगहों पर खासी नीरस रहेगी। नंबर गेम के फेर में दिग्गजों के साये में आराम फरमा रहे मंत्री व विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में होली की महफिल नहीं सजा पाएंगे। ऐसे में इनके परिजन व समर्थकों में खासी मायूसी भी महसूस की जा रही है। कांग्रेस के एक दर्जन विधायक रामनगर में एक रिसोर्ट में जबकि और कांग्रेस के बागी विधायक जिनकी संख्या 35 हैं वे दिल्ली में ढेरा जमाए हुए हैं।
/