देहरादून। कांग्रेस नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने संबंधित आदेश को चुनौती देती याचिका पर हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ ने 11 अप्रैल तक सुनवाई टाल दी।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कांग्रेस के बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने संबंधी आदेश को चुनौती देती याचिका को हाई कोर्ट ने 11 अप्रैल तक टाल दिया है। बागी विधायक सुबोध उनियाल, शैलारानी रावत, हरक सिंह रावत, कुंवर प्रणव चौंपियन, उमेश शर्मा व अन्य की ओर से तीन याचिकाएं दायर कर विधानसभा सदस्यता समाप्त करने संबंधी आदेश को चुनौती दी गई थी। शुक्रवार को हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकल पीठ ने याचिका को 11 अप्रैल तक टाल दिया है। उल्लेखनीय है कि दलबदल कानून के तहत विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के नौ विधायकों की सस्दया विधानसभा से समाप्त कर दी थी। जिसे विधायकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि जब प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था तो विधानसभा अध्यक्ष को उनके खिलाफ कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं रह गया था। विस अध्यक्ष ने अपने अधिकार का दुरूपयोग किया और उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। प्रदेश के राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद इस मामले में कई सवाल खड़े हो गए थे।