होजइ/बरपेटा: असम में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा ऐलान कर दिया। घुसपैठ रोकने के लिए उन्होंने जहां बांग्लादेश से जुड़ी सीमा की पूरी तरह नाकाबंदी करने का पहले ही वादा किया था। अब शनिवार को उन्होंने दो चुनावी रैलियों में ऐलान किया कि यदि असम में भाजपा की सरकार बनी तो बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों यानी हिंदुओं, बौद्धों या सिखों आदि को तीन माह के भीतर डिटेंशन कैंपों से आजादी दी जाएगी।
साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि केंद्र सरकार की इस आशय की अधिसूचना को लागू न कर असम की मौजूदा सरकार ही बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय कर रही है। होजइ और चेंगा विधानसभा क्षेत्रों में गृह मंत्री पूरी रौ में थे। बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने के लिए जहां उन्होंने बार्डर सील करने की बाद दोहराई। वहीं, यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी किस्म का उग्रवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले 18 वर्षो में फिलहाल असम में उग्रवाद की घटनाओं में सबसे ज्यादा कमी आई है। घुसपैठ से असम की सिर्फ जनसंख्या असंतुलन की ही समस्या नहीं जुड़ी है। सुरक्षा से लेकर विकास और रोजगार जैसे मुद्दों से भी असम जूझ रहा है। गृह मंत्री ने घुसपैठ को पूरी तरह रोकने के वादे के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ असम के विकास और युवाओं को रोजगार को भी जोड़ा।