देहरादून: उत्तराखंड निवासी अंजू पांडे ने लखनऊ में लगातार बारह घंटे तक गढ़वाली और कुमाऊंनी गीत गाने का रिकॉर्ड बनाया था। उनकी इस उपलब्धी पर उन्हें उत्तराखंड कोकिला गौरव सम्मान से नवाजा गया। हिंदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिमालय पर्यावरण सोसायटी दून, संस्कार भारती धोरण ने उन्हें उत्तराखंड कोकिला गौरव सम्मान समारोह 2018 से सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान हाल ही में मई माह में लखनऊ में लगातार 12 घंटे तक गढ़वाली-कुमाऊंनी गीत गाने का रिकॉर्ड बनाने के लिए दिया गया। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश निवासी अंजू पांडे का बचपन देहरादून में ही बीता। पिता देहरादून में नौकरी करते थे। वह कुछ समय हल्द्वानी भी रही। उनकी शिक्षा भी देहरादून में हुई। उनके पति भुवन चंद पांडे भी देहरादून निवासी हैं। जो इस समय बंगलौर में नौकरी कर रहे हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अंजू पांडे भी शोकिया तौर पर गीतों की प्रस्तुति देती थी। यह शोक इतना बढ़ा कि उन्होंने देहरादून में संगीत की शिक्षा ली। इसके बाद वह लखनऊ गईं तो वहीं भी वह संगीत की शिक्षा लेती रही। और लखनऊ के मिलेनियम स्कूल में संगीत की शिक्षिका के रूप में नियुक्त हो गईं। वर्ष 2016 में उन्होंने लखनऊ में ही छह घंटे तक लगातार गढ़वाली और कुमाऊंनी गीतों को गाने का रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद उन्होंने हाल ही में बारह घंटे तक लगातार गाने का रिकॉर्ड बनाया। उनके सम्मान में हिन्दी भवन में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि संगीतज्ञ व चित्रकार ज्ञानेंद्र कुमार, सुर लहरी संगीत संस्थान के प्रधानाचार्य उत्पल सामंत ने दीप प्रज्वलित कर किया। छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गान की प्रस्तुति दी। इस मौके पर लोक गायिका अंजू ने बताया कि वह वर्तमान में लखनऊ के मिलेनियम स्कूल में संगीत शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। लोक संगीत की अपनी विशिष्टता है। इसे आगे बढ़ाना चाहिए। इस दौरान निशा मार्केण्डेय, रोहित कोचगवे, नरेश डोभाल, जगदीश बावला, राजेश डोभाल, मनोज मलिक, मनोज अग्रवाल आदि मौजूद रहे।