लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने का कोई मौका नहीं गंवाते हैं। लखनऊ में अखिलेश यादव ने आज लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित बियोंड फेक न्यूज कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। इस कार्यक्रम के एक अन्य सत्र में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के साथ डीजीपी ओपी सिंह भी थे।प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा की फेक न्यूज फैलाने वाले राष्ट्रद्रोही हैं। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की बाढ़ सी आ गई है। उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया पर फेक न्यूज जमकर चली तो इसी से फेंकू शब्द का भी ईजाद हुआ। इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक अध्यक्ष ने बीते दिनों व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर मेरी फोटो चलाई। जिसमें मुझे अपने पिता मुलायम सिंह यादव को मारते हुए दिखाया। सिर्फ इतना ही नहीं, एक फेक खबर भी लिखी गई। जिसमें यह इल्जाम लगाया गया कि मैंने अपनी मां को भी पीटा था। फेक न्यूज से सोशल मीडिया पर कुछ लोग अधिकांश जनता को मुद्दे से भटका रहे हैं।व ने यहां पर शिवपाल सिंह यादव की पार्टी पर कोई भी सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मेरी विचारधारा समाज को जोडऩे वाली है। अब तो बहुत से दल चाहते हैं कि सपा और बसपा का गठबंधन ना हो मगर जिस तरह लोहिया जी और अंबेडकर जी ने फिर बाद में नेताजी और कांशीराम ने गठबंधन किया वैसे ही हम अब बसपा से गठबंधन कर अन्य पार्टियों को कड़ी चुनौती देंगे। उन्होंने इस मौके पर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की कि भाजपा इस चुनाव में मोबाइल नेटवर्क स्लो कर सकती है क्योंकि उसने वादे नहीं पूरे नहीं किए। कार्यकर्ता अपने नेटवर्क तेज ही रखें। इस दौरान अखिलेश यादव मंच पर पहुंचते ही छात्र नेताओं ने नारेबाजी की। अखिलेश यादव के पहुंचने पर लखनऊ विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा हुआ। समाजवादी छात्र सभा के छात्रों ने मालवीय सभागार में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनको बाहर कर दिया इस कार्यक्रम का उद्घाटन डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने किया। उनके साथ मंच पर डीजीपी ओपी सिंह थे। फेक न्यूज पर डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया में यह बड़ा झूठ फैलाया गया कि कुंभ के कारण बोर्ड की परीक्षा की तारीख में बदलाव होगा। मैंने तो कहीं पर भी कोई बयान नहीं दिया, लेकिन सोशल मीडिया में यह झूठ फैलाया गया। इसको खूब वायरल भी किया गया। इसके बाद तो हजारों की संख्या में छात्रों के फोन आए। उन्होंने कहा कि एक फेक न्यूज के कारण उनको इसकी वास्तविकता को सामने लाने में बड़ी मेहनत करनी पड़ी। सब को बताना तथा समझाना पड़ा कि यह सब झूठ है।