देहरादून। प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली समाजसेवा की मुहीम के चलते हुए अक्सर सुर्खियों में छाये रहते हैं। देहरादून की स्वच्छता को बनाये रखने के लिए आजाद अली पिछले काफी दिनों से प्रयासरत रहकर अभियान चला रहे हैं। क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर वे मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के वीसी. आर. मीनाक्षी सुन्दरम से मुलाकात करने के लिए उनके कार्यालय के चक्कर काट रहे थे किन्तु आर. मीनाक्षी सुन्दरम उन्हें मिलने का समय नहीं दे रहे थे। अब सवाल ये उठता है कि जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को ही एमडीडीए के अधिकारियों से मिलने के लिए ऐड़ियां रगड़नी पड़ रही हों तो आम जनता का क्या हाल होता होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
आजाद अली ने वीसी. आर. मीनाक्षी सुन्दरम से मुलाकात कर जब क्षेत्र की समस्याओं से उनको रूबरू करवाया तो वे उल्टा आजाद अली पर ही बिफर पड़े और उन्होंने आजाद अली को इस तरह के मुद्दे ना उठाने की सलाह दी। जिससे आजाद अली समेत उनके समर्थकों के बीच रोष व्याप्त है। आजाद अली ने मीडिया को बताया की एमडीडीए में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। अधिकारी काम करना तो दूर आम जनता से मिलने व उनकी समस्याओं को सुनने में भी अपनी तौहीन समझते हैं। उन्होंने कहा कि ये पहला मामला नहीं है जब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के कार्यालय में किसी अधिकारी ने इस तरह की हरकत की हो।
स्थानीय जनता के द्वारा अक्सर ऐसी शिकायतें एमडीडीए के अधिकारियों के खिलाफ की जाती रही हैं। इन शिकायतों के अनुसार अधिकारी अपने कार्यालयों में मौजूद नहीं रहते और कई दिनों तक जनता से मुलाकात करने व उनकी समस्याओं को सुनने से कतराते रहते हैं। आजाद अली ने एमडीडीए प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एमडीडीए प्रशासन जनसमस्याओं से जुड़ी उनकी मांगों पर गौर नहीं करता तो वे जल्द ही अपने समर्थकों के साथ एमडीडीए कार्यालय के बाहर धरना देकर प्रदर्शन करेंगे।
बहरहाल आजाद अली जैसे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता एवं प्रसिद्ध जनसेवक के साथ एमडीडीए के वीसी. आर. मीनाक्षी सुन्दरम की ये हरकत बेहद शर्मनाक है जो उनके आचरण के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करती है।